Wednesday, April 20, 2016

पसीने के प्रकार और होम्योपैथी

       पसीने के प्रकार और होम्योपैथी




गर्मी शुरू होते ही सभी को पसीने से परेशानी होने लगती हैं कभी पसीने की बदबू आती हैं, तो कभी पसीने के कारण जलन होती हैं, कभी कपड़ो पर दाग पड जाते हैं गर्मी में तो ये साधारण बात हैं, परन्तु कुछ लोगो को हमेशा पसीने की तकलीफ होती हैं वैसे पसीना आना शरीर की एक स्वाभाविक क्रिया हैं जिससे शरीर का न सिर्फ तापमान नियंत्रित रहता हैं बल्कि शरीर की गंदगी भी दूर होती हैं लेकिन जब ये जरुरत से ज्यादा आये या उसके कारण परेशानी बढ़ने लगे तो उसका उपचार कराना आवश्यक होता हैं पसीना भी कई प्रकार का होता हैं आईये देखते हैं कि पसीना किस-किस प्रकार का होता हैं ...



 गंध के आधार पर पसीने के प्रकार .....

गर्मी में पसीने की बदबू से बहुत लोग परेशान होते हैं लेकिन कुछ लोगो को यह परेशानी हर वक्त रहती हैं चाहे कोई भी मौसम हो पसीने में भी कई प्रकार की गंध होती हैं, जो अलग-अलग लोगो में अलग-अलग प्रकार की होती हैं जैसे .....


·        खट्टी गंध वाला पसीना
·        शहद की गंध जैसा पसीना।   


·        प्याज की गंध जैसा पसीना
·        मीठी गंध वाला पसीना





अंग के आधार पर पसीने के प्रकार .....


देखा जाए तो अधिकतर लोगो को पूरे शरीर में पसीना आता हैं परन्तु कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें शरीर के किसी खास भाग में ही पसीना आता हैं जैसे ....

·        सिर्फ सिर में पसीना आता हैं (यहाँ तक की तकिया तक गीला हो जाता हैं)
·        सिर्फ माथे पर पसीना आता हैं
·        सिर्फ चेहरे पर पसीना आता हैं
·        सिर्फ नाक पर पसीना आता हैं
·        सिर्फ बगल में पसीना आता हैं
·        सिर्फ पेट या पीठ पर पसीना आता हैं
·        सिर्फ गर्दन पर पसीना आता हैं
·        सिर्फ हथेलियों या तलुवे में पसीना आता हैं
·        सिर को छोड़ सारे शरीर में पसीना


इसके अलावा कुछ लोगो को कुछ खास समय ही पसीना आता हैं जैसे ...

·        सिर्फ सोते समय ही पसीना आए
·        जिस करवट लेते उसके दूसरी साइड पसीना आए
·        सो कर उठते ही पसीना आए
·        सिर्फ चलते समय ही पसीना आए
·        रात-दिन पसीना बहे
·        सिर्फ खाना खाते समय ही पसीना आए
·        नहा कर आते ही पसीना आए
·        जरा सी मेहनत करते ही पसीना बहे
·        किसी रोग के बाद पसीना ज्यादा आए

होम्योपैथिक उपचार .....

होम्योपैथिक दवाइयो द्वारा पसीने से होने वाली इन परेशानियों को ना सिर्फ कम किया जा सकता हैं, बल्कि हमेशा के लिए ठीक किया जा सकता हैं


·        सिर में इतना पसीना आये कि तकिया तक गीला हो जाये.....    केल्करिया-कार्ब(Calc-Carb)


·        पसीने में बहुत बदबू आये .... पेट्रोलियम(Petroleum),साईलीसिया(Silicea),स्टेफीसेग्रिया(Staphy)



·        माथे और चेहरे पर ठंडा पसीना आये ...
वेरेट्रम-एल्बम(Verat-Album),बेन्जोइक-एसिड(Benz-Acid)


·        नाक पर पसीना आये ......
चाईना(China)


·        बगल में पसीना आये ......
    पेट्रोलियम(Petroleum),बोविस्टा(Bovista)


·        हथेलियों में पसीना बहुत आये .....
केल्करिया-कार्ब(Calc-Carb),कासटीकम(Causticum)


·        पैरो में पसीना आये .....
पेट्रोलियम(Petroleum)


·        प्याज की गंध वाला पसीना ....
     बोविस्टा(Bovista)


·        पीले दाग छोड़ने वाला पसीना .....
    मर्क-सोल(Merc-Sol),काली-बायक्रोमेट(Kali-Bitch)


·        खाना खाते समय पसीना आये ....
    केल्करिया-कार्ब(Calc-Carb)


·        सिर को छोड़ कर सारे शरीर में पसीना आये ....
     रस-टोक्स(Rhus-Tox)


·        बदबूदार पसीने के कारण सिर,माथा,गला,मुहं सब भींग जाते हैं.....
     साईलीसिया(Silicea)



पसीना आना स्वाथ्य के लिए लाभदायक होता हैं परन्तु जरुरत से ज्यादा पसीना आना लाभदायक नहीं होता हैं उसी प्रकार पसीना रुक जाने से भी स्वाथ्य में हानि होती हैं जैसे ....
पसीना रुक जाने से बुखार, जुकाम,दस्त,सुजन,गले में तकलीफ,शीत-पित्त आदि हो सकते हैं इसके अलावा पसीने को डिओडोरेंट आदि लगा कर रोकने से फोड़े तक हो सकते हैं




नोट- होम्योपैथी में रोग के कारण को दूर करके रोगी को ठीक किया जाता है। प्रत्येक रोगी की दवा उसकी शारीरिक और मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग होती है। अतः बिना चिकित्सकीय परामर्श यहां दी हुई किसी भी दवा का उपयोग करें। रोग और होम्योपैथी दवा के बारे में और अधिक जानकारी के लिए यहां लॉग इन कर सकते हैं।

Tuesday, April 12, 2016

शीत-पित्ती और होमियोपैथी

         शीत-पित्ती और होमियोपैथी




अक्सर कुछ लोगो को कभी-कभी शरीर पर लाल रंग के उभरे हुए निशान हो जाते हैंजिनमे बहुत तेज जलन और खुजली होती हैं जिन्हें आमभाषा में पित्ती उछलना कहते हैंइसे अर्टिकेरिया(Urticaria) भी कहते हैंये कुछ समय में स्वत:ठीक हो जाती हैं, परन्तु कुछ समय बाद पुन: उभर आती हैंये शरीर के किसी एक भाग में भी हो सकती हैं या पूरे शरीर में भी हो सकती हैं



कारण .... शीत-पित्त होने के कई कारण होते हैं जैसे ....


·         एकदम से ठन्डे से गरम वातावरण में जाना


·         एकदम गर्म से ठन्डे वातावरण में जाना


·         पसीने में ठन्डे पानी से नहा लेना


·         किसी दवाई के साइड-इफ़ेक्ट के कारण


·         पेट की खराबी से


·         पानी में भीगने से


·         खट्टी चीजे खाने से


·         धूप से आते ही ठंडा पानी पीने से आदि


·         किसी प्रकार के खाने से




 लक्षण


·         शरीर पर लाल रंग के उभरे हुए चकत्ते या निशान होना


·         जलन होना


·         खुजली होना


·         खुजली के बाद दर्द होना




होम्योपैथीक दवाये ....



होम्योपैथिक दवायो से शीत-पित्ती को हमेशा के लिए ठीक किया जाता हैयहाँ कुछ दवाए जानकारी के लिए दी जा रही हैअत: बिना डॉक्टर के परामर्श के न ले .....




रस-टोक्स(Rhus-Tox)……



लाल रंग के उभरे हुए निशान होना, जिनमे बहुत तेज जलन व खुली होनाजोड़ो में दर्द होनाबारीश में ज्यादा तकलीफ होनापसीने में ठन्डे वतावरण में जाने से पित्ती होना




एन्टिम–क्रूड(Antim-Crud)….



ठन्डे पानी के कारण शीतपित्त निकलनापेट की खराबी रहना जिसके कारण पित्ती निकलनारात के समय जलन व खुजली बहुत होना
स्विमिंग पूल या नदी में नहाने के बाद पित्ती निकलनाचिडचिड़ाहट होनाधूप सहन न होना




 पल्साटिला(Pulsatilla)...



भारी भोजन के कारण शीत-पित्त निकलनाछोटी-छोटी बात पर रोना आनापीरियड्स के समय पित्ती निकलना





आर्स-एल्बम (Ars-Album)....



लाल रंग के निशान होना, जिनमे बहुत जलन होबैचेनी होना
ठंडक या ठंडी चीजो से तकलीफ होनाआधी रात को तकलीफ बढ़ जाना प्यास बहुत अधिक लगना






नोट- होम्योपैथी में रोग के कारण को दूर करके रोगी को ठीक किया जाता है। प्रत्येक रोगी की दवा उसकी शारीरिक और मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग होती है। अतः बिना चिकित्सकीय परामर्श यहां दी हुई किसी भी दवा का उपयोग करें।



रोग और होम्योपैथी दवा के बारे में और अधिक जानकारी के लिए यहां लॉग इन कर सकते हैं।