Tuesday, April 12, 2016

लू से बचाए होम्योपैथी

          लू से बचाए होम्योपैथी




गर्मी के दिन आते ही लू लगना एक आम बात होती हैं लू को हीट स्ट्रोक (Heat Stroke,Sun Stroke, Thermic Fever,Siriasis) भी कहते है धूप में जाने पर लू लगने का खतरा बना रहता हैं इसे साधारण नहीं समझना चाहिए बल्कि तुरंत उपचार कराना चाहिए क्योकि ज्यादा होने पर व्यक्ति के प्राण भी जा सकते हैं होमियोपैथी से ना सिर्फ लू से बचाव किया जा सकता हैं बल्कि धूप में जाने से पहले होम्योपैथिक दवाई खाने से लू नहीं लगती हैं

  

लक्षण.......
·                   शरीर का तापमान बढ़ जाना
·                   तेज सिरदर्द होना
·                   उल्टी होना
·                   बुखार होना
·                   पैर के तलवे में जलन होना
·                   पसीना कम आना
·                   कमजोरी लगना
·                   हाथ-पैर कांपना
·                   साँस लेने में तकलीफ हो
·                   भ्रम की अवस्था हो
·                   कोमा
·                   घबराहट होना
·                   उल्टी होना   



होम्योपैथिक उपचार .....


नेट्रम-म्यूर (Nat-Mur)....

धूप में जाने पर पसीना अधिक आने से शरीर में नमक और पानी की कमी हो जाती हैं चूँकि यह दवा नमक से बनती हैं इसलिए इससे शरीर में नमक की पूर्ति हो जाती हैं दिन में 10/11 बजे तकलीफ ज्यादा बढती हैं  सिरदर्द होता हैं कमजोरी लगती हैं आँखों में जलन होती हैं प्यास अधिक लगती हैं ब्लड-प्रेशर कम हो जाता हैं इसे धूप में जाने से पहले खाने से लू नहीं लगती हैं


ग्लोनाईन (Glonine)....

चक्कर आते हैं धूप में जाने पर सिरदर्द होता हैं बुखार और घबराहट होती हैं सिर में गर्मी लगती हैं शरीर का तापमान बहुत अधिक बढ़ जाता हैं  जी मचलाये  तेज गर्मी से होने वाली तकलीफ तकिया पर सिर नहीं रख पाता हैं धडकन बढ़ जाती हैं सांस लेने में तकलीफ होती हैंब्लड-प्रेशर बढ़ जाता हैं
   

बेलाडोना(Belladona)....

त्वचा गर्म सूखी और लाल होती है  बैचेनी रहती हैं  बहुत तेज सिरदर्द(माथे में) रहता हैं  प्यास बहुत लगती हैं  गाल बहुत गर्म और लाल होते हैं  चक्कर आते हैं  कान में तेज दर्द होता हैं  धड़कन बहुत तेज हो जाती हैं  हाई फीवर में मानसिक अवस्था बहुत आक्रामक हो जाती हैं


जेलसीमियम(Gelsimium).....


चक्कर बहुत आते हैं  रोगी ऊंघता रहता हैं  हर समय नींद सी आती रहती हैं  सुस्ती छायी रहती हैं  पल्स बहुत धीमी हो जाती हैं  डिप्रेशन धूप में जाने बाद बढ़ जाता हैं  पलके इतनी भारी लगती है कि पेशेंट आँखे नहीं खोल पाता है  रोगी को प्यास नहीं लगती हैं  skin पर लाल रंग के दाने निकलते हैं  हमेशा थकान लगती हैं



 नोट- होम्योपैथी में रोग के कारण को दूर करके रोगी को ठीक किया जाता है। प्रत्येक रोगी की दवा उसकी शारीरिक और मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग होती है। अतः बिना चिकित्सकीय परामर्श यहां दी हुई किसी भी दवा का उपयोग करें। रोग और होम्योपैथी दवा के बारे में और अधिक जानकारी के लिए यहां लॉग इन कर सकते हैं।




No comments:

Post a Comment