होम्योपैथी से स्वथ्य रखे किडनी को
पिछले कुछ सालो में किडनी के रोगी बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। कई बार सही जानकारी नहीं होने के कारण या देर से
ईलाज के कारण बहुत से रोगी मौत के मुहं में समा जाते है। मैंने एक छोटी सी कोशिश की हैं किडनी फेल होने के
बारे में कुछ जानकारी देने कि ताकि समय पर रोगी को ईलाज मिल सके और उसकी जिन्दगी
को बचाया जा सके।
क्या होता है किडनी
फेल होना .....
हमारे शरीर में दो गुर्दे यानि किडनी होती हैं। जिनका मुख्य काम रक्त को छान कर विषैले पदार्थो
को मूत्र (urine) के द्वारा शरीर से बाहर करना हैं। इसके अलावा किडनी के अन्य कार्य भी होते है जैसे
ब्लड-प्रेशर को कंट्रोल करना, शरीर के इलेक्टोलाइट (Electrolyte) को बैलेंस करना,
रेड ब्लड सेल के प्रोडक्शन को stimulate करना । जब किडनी विषैले पदार्थो को किसी कारण से बाहर
निकालने में असमर्थ होती है तो उसे किडनी फेल होना कहते हैं।
किडनी फेल होने के प्रकार .....
मुख्यत: 2 प्रकार होते हैं.....
एक्यूट रीनल फेलियर (Acute renal failure) ....जब अचानक से किडनी विषैले पदार्थो को निकालना
बंद कर दे।
क्रोनिक रीनल फेलियर (Chronic renal failure)..... जब किडनी बहुत लम्बे समय से अपना कार्य ना
कर पा रही हो।
कारण....
·
अचानक
किडनी में रक्त की सप्लाई (supply) कम हो जाना
·
उल्टी,दस्त,पसीना
या किसी अन्य कारण से
शरीर में पानी की कमी होना यानि (Dehydration) होना
·
किसी
दवाई के साइड-इफ़ेक्ट के कारण
·
कम पानी
पीने के कारण
·
जलने के
कारण शरीर में पानी की कमी होने से
·
किसी
बीमारी के कारण जैसे डायबीटिज, हदयरोग, किडनी स्टोन आदि
·
ब्लैडर
या युरेटर में कोई रूकावट आने के कारण (यूरिन वापिस किडनी में जाती हैं जिससे
किडनी डैमेज होती हैं)
·
हाइपर
टेंशन
·
गलत
खान-पान के कारण
लक्षण......
अक्सर कुछ लोगो की आँखों के नीचे सूजन आ जाती हैं, जो कि किडनी के
कार्य में रूकावट आने का संकेत होता हैं। इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए।
·
आँखों
के नीचे सूजन आना
·
हाथ-पैरो
में और चेहरे पर सूजन आना
·
थकान
लगना
·
सांस
लेने में तकलीफ होना
·
कमजोरी
लगना
·
भूख कम
लगना
·
वजन कम
होना
·
रात में
बार-बार पेशाब हो
·
पेशाब
में खून आना
·
पेशाब
की मात्रा कम या ज्यादा होना
·
रक्त की
कमी होना (Anemia)
·
नींद
ठीक से ना होना
होम्योपैथिक मेडिसिन .....
होम्योपैथी में किडनी रोग के लिए बहुत सारी मेडिसिन हैं, जो रोगी के
शारीरिक और मानसिक लक्षण देख कर दी जाती हैं। जिनमे से कुछ मेडिसिन के बारे में जानकारी दे रही
हूँ। किडनी रोग एक गंभीर
रोग है, जिसमे सही समय पर ईलाज नहीं मिलने पर रोगी की मृत्यु तक हो सकती हैं। अत: स्वयं ईलाज करने की चेष्टा ना करे .....
एपिस-मेलिफिका (Apis-Mel)...
पूरे शरीर में सूजन रहती है, खास कर चेहरे और आँखों पर सूजन रहती है। पेशाब
में रूकावट होती है जिससे बार-बार पेशाब जाने की चाह होती है, परन्तु पेशाब कम मात्रा में होती हैं। प्यास नहीं लगती हैं। पसीना नहीं आता है। पेशाब में जलन होती हैं। पेशाब में एल्ब्यूमिन की मात्रा बढ़ जाती हैं। रोगी को गर्मी सहन नहीं होती हैं। कभी-कभी पेशाब बिलकुल बंद हो जाती हैं। सिर, कमर और हाथ-पैरो में दर्द रहता हैं। पेशाब में झाग और बदबू आती है।
केंथेरिस (Cantharis)....
पेशाब में जलन के साथ खून जाता हैं। पेशाब बूंद-बूंद कर होता हैं। बार-बार पेशाब जाने की ईक्छा होती हैं, कभी-कभी तो दो-दो मिनिट बाद ही जाना पडता हैं। पेशाब
करने के पहले, करते समय और बाद में काटता हुआ दर्द होता हैं। जलन होती हैं। नेफ्राईटिस (Nephritis / किडनी की सूजन)।
प्लंबम-मेट
(Plumbum-Met)....
पेशाब बार-बार लेकिन कम मात्रा में होती
हैं। पेशाब की स्पेसिक-ग्रेविटी कम होती हैं। पेट में तेज दर्द
होता हैं। ये दवा किडनी रोग को बढ़ने से रोकती हैं। यह क्रोनिक
इंटरस्टिसिअल नेफ्राईटीस (Chronic Interstitial Nephritis) नामक बीमारी (जिसमे
किडनी के ट्यूब (kidney tubules) के बीच में सूजन आ जाती हैं ) में उपयोगी हैं।
बरबेरिस-वल्गेरिस (Berb-Vulg)....
पेशाब में जलन होती हैं। पेशाब करने के बाद
ऐसा लगता हैं, मानो अभी कुछ पेशाब ब्लेडर में ही रह गया हैं। पथरी का भयंकर
दर्द होता हैं। पेशाब में यूरिक-एसिड की मात्रा बढ़ जाती हैं। पेशाब में पस-सेल
और म्यूकस पाया जाता है। पेशाब करते समय जांघो में दर्द होता हैं। दर्द पीठ से ले कर
आगे पेट तक आता हैं।
एपोसाइनम (Apocynum)...
प्यास बहुत ज्यादा लगती हैं। पेशाब कम होती हैं,
जिससे पूरे शरीर में सूजन रहती हैं। बैचेनी रहती हैं। बहुत ज्यादा उल्टी
होती हैं।
टेरीबिन्थ
(Terebinth)....
पेशाब
में मीठी सी गंध आती हैं। पेशाब बूंद-बूंद
होता हैं जिसमे खून और जलन होती हैं। ये ब्राइट-डिजीज, नेफ्राईटीस, एल्बुमिनोरिया आदि
किडनी के सभी रोगों में बहुत उपयोगी हैं। पीठ में किडनी की
जगह धीमा-धीमा दर्द होता हैं। चलने-फिरने से
तकलीफ कम होती हैं। गहरे रंग की धुँआ छोड़ने वाली पेशाब होती हैं। ये किडनी रोग के
प्रथम स्टेज में उपयोगी हैं।
कोपेवा (Copaiva)...
यह खास कर महिलायों की किडनी या पेशाब की
समस्या के लिए उपयोगी हैं। पेशाब करते समय
जलन होती हैं। बूंद-बूंद करके पेशाब होती हैं। पेशाब करने की
लगातार ईक्छा होती हैं परन्तु पेशाब नहीं
होता हैं। बदबूदार पेशाब होती हैं।
नोट-- होम्योपथी में रोग के कारण को दूर करके रोगी को ठीक किया
जाता है। प्रत्येक रोगी की दवा उसकी पोटेंसी, डोज आदि उसकी शारीरिक और मानसिक अवस्था के
अनुसार अलग-अलग होती है। अतः बिना चिकित्सीय परामर्श के यहां दी हुई किसी भी दवा
का उपयोग न करें। रोग और होम्योपथी दवा के बारे में और अधिक जानकारी के लिए यहां लॉगइन कर सकते हैं।
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