Wednesday, July 27, 2016

क्या आपको भी अमावस्या या पूर्णमासी पर तकलीफ होती हैं

         क्या आपको भी अमावस्या या पूर्णमासी पर तकलीफ होती हैं







अक्सर कुछ लोगो को ये कहते सुना होगा कि अमावस्या या पूर्णमासी पर या उसके आस-पास  उनकी तबियत बिगड़ जाती हैं, या चिडचिडाहट ज्यादा होती हैं इस समय उन्हें गुस्सा ज्यादा आता हैं, या उदासी लगती हैं कुछ लोगो का मानना है कि उन्हें किसी ने कुछ जादू-टोना कर दिया हैं या नजर लग गयी हैं



लेकिन ऐसा नहीं  हैं, ये किसी भूत-प्रेत या जादू-टोने के कारण नहीं होता हैं चूँकि हमारे शरीर में लगभग 60% तक पानी होता हैं, और अमावस्या या पूर्णमासी पर समुद्र में ज्वार-भाटा आता हैं जिसका असर हमारे शरीर पर भी पड़ता हैं, और यही कारण हैं कि कुछ लोग जो बहुत ज्यादा संवेदनशील होते हैं, इस समय बीमार पड़ते हैं, या उनको किसी भी प्रकार की शारीरिक या मानसिक परेशानी ज्यादा होती हैं।यहाँ तक कि जानवरों और पेड़-पौधों पर भी इसका असर पड़ता हैं। 




लेकिन होम्योपैथी से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता हैं। जी हाँ होम्योपैथी इंसानों के साथ-साथ जानवरों और पेड़-पौधों पर भी असर करती हैं। 



पूर्णमासी पर होने वाली तकलीफ की होम्योपैथिक मेडिसिन .....



एलुमिना(Alumina)
केल्केरिया-कार्ब (Calc-Carb)
ग्रेफाईटिस(Graphtis)
साईलिसिया(Silicea)
सेबेडीला(Sabadilla)




अमावस्या पर होने वाली परेशानी की होम्योपैथिक मेडिसिन ....



कास्टीकम (Causticum)
साईलिसिया (Silicea)
एलुमिना (Alumina)
क्लेमेटिस-एरेक्टा (Clemtis-Erecta)




चंद्रमा की रोशनी में तकलीफ हो ....


एन्टिम-क्रूड (Antim-Crud)
थूजा (Thuja)
आर्ज-नेट (Argentum-Nitricum)
लूना(Luna)







नोट-  होम्योपैथी में  रोग  के  कारण  को  दूर  करके  रोगी को  ठीक  किया  जाता  है।  प्रत्येक  रोगी  की  दवा, उसकी पोटेंसी,डोज आदि  उसकी शारीरिक  और मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग  होती हैं। अतः बिना चिकित्सकीय परामर्श यहां दी  हुई किसी भी दवा का उपयोग  करें।  रोग और होम्योपैथी दवा के बारे में  और अधिक जानकारी के लिए यहां लॉग इन  कर सकते हैं।



Thursday, July 14, 2016

माईग्रेन और होम्योपैथी

                 माईग्रेन और होम्योपैथी






आज के समय में हर व्यक्ति भागदौड़ में लगा रहता हैं, उसके पास खुद के लिए समय ही नहीं रहता हैंना समय पर खाना, ना सोना, प्रकृति के विपरीत चलना तो मानो फैशन बन गया हैं नतीजा तरह-तरह की बीमारिया होनामाइग्रेन भी इसी जीवनशैली का परिणाम हैं

माईग्रेन एक प्रकार का सिरदर्द हैं, जिसमे सिर के एक तरफ (दाहिनी या बायीं) दर्द होता हैंयह दर्द कुछ घंटे से ले कर कुछ दिन तक रहता हैंइसे हिंदी में आधाशीशी या अधकपारी भी कहते हैंमाईग्रेन का कोई समय निश्चित नहीं होता हैं, ये कभी तो जल्दी-जल्दी भी होता हैं, तो कभी महीनों में होता हैंज्यादा पुराना (Chronic) होने के कारण  कुछ लोगो को माईग्रेन का पहले से पता चल जाता हैं कभी-कभी अधिक दर्द के कारण उल्टी हो जाती हैं, जिससे दर्द में आराम आ जाता हैं   

     


कारण....


·         अनुवांशिक कारण 
·         कब्ज या पेट की खराबी 
·         हारमोन्स में परिवर्तन आना 
·         महिलायों में पीरियड्स की गड़बड़ी के कारण 
·         ब्रेन के केमिकल्स का बैलेंस बिगड़ना 
·         नींद पूरी ना होना 
·         दैनिक दिनचर्या में परिवर्तन होना 
·         तनाव के कारण 
·         गर्भनिरोधक गोलियों के कारण 
·         गलत खान-पान के कारण 
·         वातावरण में परिवर्तन आने के कारण




किसको होता हैं माईग्रेन....


माईग्रेन पुरुषो की अपेछा महिलायों में ज्यादा होता हैंयह 14 साल की उम्र से ले कर 40 साल की उम्र के लोगो को अधिक होता हैं 





लक्षण .....

    
·         सिर में एक तरफ (दायी या बायीं) ओर तेज दर्द होता हैं 
·         दर्द कुछ घंटे से ले कर कुछ दिन तक रहता हैं 
·         उल्टी होना या जी मचलना 
·         तेज रोशनी या आवाज़ सहन ना होना 
·         उल्टी होने पर दर्द कम होना 
·         अंधेरे में अकेले चुपचाप बैठना अच्छा लगता हैं 
·         चिडचिडाहट होना या गुस्सा आना 
·         नींद ना आना 
·         धूप में जाने पर तकलीफ होना 
·         आँखों के ऊपर (आइब्रो पर दर्द) होना 
·         कब्ज या दस्त रहना 
·         आखों के आगे अँधेरा छाना या अजीब सी आकृतिया दिखना 
·         बार-बार यूरिन होना 




होम्योपैथिक मेडिसिन .....



माईग्रेन के लिए होम्योपैथिक मे बहुत सी दवायें हैं, जिन्हें कुछ समय तक लेने से माईग्रेन की समस्या हमेशा के लिए ठीक हो जाती हैं जानकारी हेतु यहाँ पर कुछ होम्योपैथिक दवाए बताई हैं कृपया खुद उपचार ना करे, क्योकि होम्योपैथी में रोग के कारण को दूर किया जाता हैं     



  
स्पाईजेलिया(Spigelia)….


बायीं ओर सिरदर्द होना, बहुत तेज दर्द जो बायीं आँख के ऊपर आईब्रो पर ज्यादा होता हैं रोशनी और शोर बर्दाश्त ना हो, चक्कर आते रहते हैं 




साईलिसिया(Silicea)...


उपवास करने के कारण सिरदर्द होना, ठण्ड से ज्यादा तकलीफ होना, सिर में अत्याधिक पसीना आता हैंआँखों में तेज दर्द होता हैं, गर्दन के पिछले भाग में दर्द होता हैंकुपोषण के कारण होने वाला सिरदर्दपूर्णमासी के समय, पीरियड्स के समय ज्यादा तकलीफ होती हैं




नेट्रम-म्यूर (Nat-Mur)….


किसी भी मानसिक परेशानी के कारण होने वाला सिरदर्दधूप में जाने पर होने वाला सिरदर्दसूरज उगने से ले कर डूबने तक सिरदर्द होता हैं, उसके बाद ठीक हो जाता हैंएनीमिया के कारण होने वाला सिरदर्द, खास  कर किशोरावस्था में होने वाला सिरदर्द, दर्द एक निश्चित समय पर होता हैं, जो लेटने या सोने  जाने पर कम हो जाता हैं। 




काफिया (Coffea)...


अचानक ख़ुशी या किसी दुःख के कारण माइग्रेन होनाशोर या किसी प्रकार की गंध से सिरदर्द बढ़ जाना, सिर में असहनीय दर्द होता हैंनींद नहीं आती हैं। 

  


ब्रायोनिया (Bryonia)….


सीधी (Right side) तरफ सिरदर्द हो, जो कि हिलने-डुलने पर ज्यादा बढ़ जाए, यहाँ तक कि आँख खोलने तक में दर्द होता हैंपेशेंट चुपचाप अंधेरे कमरे में लेटे रहना चाहता हैंपेशेंट बहुत चिडचिडा होता हैं, जी मचलाता है, चक्कर आते हैं




आईरिस-वर (Iris-Versicolor)…


सामने की तरफ और सीधी तरफ सिरदर्द होना, उल्टी होने पर सिरदर्द में आराम होना सिरदर्द होने के पहले आखों के आगे धुंधलापन छा जाता हैं





नोट-  होम्योपैथी में  रोग  के  कारण  को  दूर  करके  रोगी को  ठीक  किया  जाता  है।  प्रत्येक  रोगी  की  दवा, उसकी पोटेंसी,डोज आदि  उसकी शारीरिक  और मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग  होती हैं। अतः बिना चिकित्सकीय परामर्श यहां दी  हुई किसी भी दवा का उपयोग  करें।  रोग और होम्योपैथी दवा के बारे में  और अधिक जानकारी के लिए यहां लॉग इन  कर सकते हैं।

     

  

दांतों के रोग

                  दांतों के रोग




दांतों की तकलीफ 6 माह की उम्र से जो शुरू होती हैं, वो मृत्यु तक रहती हैं  दांतों की  कई प्रकार की तकलीफ हो सकती हैं, जैसे ....



·        बच्चो में नए दांत आते समय दर्द होना
·        दूध के दांत गिरते समय तकलीफ होना
·        दांतों में कैविटी होना
·        दांत(मसूड़े) से खून या पस आना
·        दांत में ठंडा-गर्म लगना
·        असमय  दांत गिरना
·        दांतों पर पीलापन या काले होना
·        दांत निकलवाने के बाद ब्लीडिंग होना



कारण .....


पेट की खराबी, कब्ज आदि के कारण
दांतो की सही देखभाल नहीं करने के कारण
ठंडा खाने के बाद तुरंत गर्म खाना-पीना या गर्म के बाद एकदम ठंडा खाना-पीना
चोट आदि के कारण
कैल्सियम की कमी



होम्योपैथिक मेडिसिन ......



होम्योपैथिक  मेडिसिन से दांतों की तकलीफ को ना सिर्फ कम किया जा सकता हैं अपितु हमेशा के लिए ठीक किया जा सकता हैं



बच्चो को दांत दर्द होना ....Chamomila,Belladona

गर्म खाने-पीने से दांतदर्द हो ...... Coffea, Chamomila

गर्म खाने से दर्द कम हो .....Mag-phos

ठंडा खाने-पीने से दर्द हो .....Silicea

दांत पीले, कैल्सियम की कमी...Calc-Flor 6x

दांत मसूड़े से अलग होने लगे यानी हिलने लगे ....Carvo-Veg

मसूड़ों में पस के कारण दर्द हो .....Merc-Sol

दांतो में कैविटी होना....Staphy

दांत  निकलवाने के बाद ब्लीडिंग हो ....Arnica






नोटहोम्योपैथी में  रोग  के  कारण  को  दूर  करके  रोगी को  ठीक  किया  जाता  है।  प्रत्येक  रोगी  की  दवा, उसकी पोटेंसी,डोज आदि  उसकी शारीरिक  और मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग  होती हैं। अतः बिना चिकित्सकीय परामर्श यहां दी  हुई किसी भी दवा का उपयोग  करें।