Wednesday, December 25, 2013

आत्महत्या और होम्योपैथी



      आत्महत्या और होम्योपैथी



आत्महत्या यानि खुद की हत्या करना .आज कल की भागदौड़ भरी जिंदगी में ८०% लोग डिप्रेशन में रहते है .जब यह तनाव या डिप्रेशन बहुत अधिक बढ़ जाता है , इंसान बहुत निराश हो जाता है और आत्महत्या जैसा घातक कदम उठा लेता है. ना सिर्फ़ भारत मे अपितु समस्त सन्सार मे आत्महत्या करने वालो की संख्या दिनप्रतिदिन बढ़ती जा रही है. 



आत्महत्या का मुख्य कारण जीवन  से निराश होना हैं .इंसान जब सब तरफ़ से निराश हो जाता है तो वह आत्महत्या जैसा कदम उठाने कि सोचने लगता हैं, और कई बार आत्महत्या जैसा कदम  उठा भी लेता हैं.


आत्महत्या करने के यूँ तो कई कारण होते हैं परन्तु मुख्यतः निम्न  कारण हो सकते हैं-----


1) घर परिवार से परेशान हो कर
2) प्रेमप्रसंग मे निराशा मिलने पर
3) बेरोजगारी या परीक्छा में असफलता मिलने पर
4) किसी बीमारी या रोग के कारण


इसके आलावा  भी बहुत से कारण होते हैं जब मनुष्य जीवन से निराश हो जाता हैं और उसको संसार से एक विरक्ति सी होने लगती हैं .प्रत्येक मनुष्य के जीवन में ये पल आते रहते हैं, कुछ लोग इस निराशा से जल्दी बाहर निकल जाते हैं परन्तु कुछ तनाव में आ जाते हैं और आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते हैं.


होम्योपैथी आत्महत्या के कुछ कारणों को तो दूर नही कर सकती हैं ,परन्तु उस व्यक्ति को निराशा से बाहर निकाल कर आत्महत्या जैसे विचारो को अवश्य दूर कर उसका जीवन बचा सकती हैं.


आप किसी व्यक्ति को आत्महत्या करने से रोक सकते हैं परन्तु उसके दिमाग से आत्महत्या के विचार को दूर नहीं कर सकते हैं लेकिन होम्योपैथी किसी भी व्यक्ति के आत्महत्या या कोई अपराध करने के विचारो को बदल सकती हैं.



जीवन से निराश हो कर मरना चाहे ----- आँरम-म॓ट

फांसी लगा कर मरना चाहे ----- नेट्रम - सल्फ

जहर खा कर मरना चाहे ---- चाइना

गोली मार कर मरना चाहे ---- एनाकाडि॔यम

पानी में डूब कर मरना चाहे ---- एटिंम-क्रुड़

ऊंचाई से कूद  कर मरना चाहे --- आर्जेटिकम- नाइट्रिकम

आधी रात को मरना चाहे --- आर्सेनिक -अल्बम्



Monday, December 23, 2013

मुंहासे का घरेलू ईलाज


              मुंहासे  का  घरेलू  ईलाज 
                  
                      (www.drneetisclinic.com)




गेंदे के फूलो को पानी में उबाल कर पानी ठंडा कर ले .अब इस पानी से चेहरा धोये .कुछ ही दिनों में मुंहासे ठीक हो कर  त्वचा कोमल और साफ़ हो जायेगी

Tuesday, December 3, 2013

आपकी राशि और होम्योपेथी


  
 


              आपकी राशि और होम्योपेथी
         (www.drneetisclinic.com)


अभी तक आपने अपनी राशि से अपना भविष्य जाना होगा , अब जानिए अपनी राशि या जन्मतिथि  के अनुसार अपने रोग   और उनकी  होमयोपेथिक दवाये.



 १) मकर राशि  (२१ दिसेम्बर से २१ जनवरी)----


   पीड़ित अंग ----हड्डी,जांघ, घुटने
 

   बीमारी ---हड्डियों कि कमजोरी , हड्डियों में दर्द ,चर्म लाल   नहाने के बाद,लिवर और स्प्लीन,खुजली .


   होम्योपैथिक दवा ---कैल्केरिया –फॉस


     २) कुम्भ (२१ जनवरी से २१ फरवरी )---


      पीड़ित अंग ---नर्व्स, टखनो के ऊपर , पिंडलिया 


    बीमारी---सूजन , पानी भरे बारीक़ छाले, खुजली , एक्जिमा ,सर्दी ,अपच ,कब्ज ,नींद न आना 


    होम्योपैथिक दवा ---नेट्रम-म्यूर  



     ३) मीन (२१ फरवरी से २१ मार्च )---



     पीड़ित अंग ---रक्त ,हाथ-पैर 


     बीमारी ---आँखे , रक्त-स्त्राव , सिरदर्द , कमरदर्द , गले         में खराश , एक्सीडेंट ,बुखार, खासी,  नींद न आना .
             .

होम्योपैथिक दवा ---फेरम –फॉस


 मेष (२१ मार्च से २१ अप्रैल )--- 



पीड़ित अंग ---सिर का ऊपरी भाग ,सेरेब्रम, शरीर का ऊपरी आधा भाग .

बीमारी---डिप्रेशन ,हिस्टीरिया ,सिरदर्द ,चर्मरोग ,मानसिक रोग ,रात में डरना ,कैंसर
 
 होम्योपैथिक दवा---काली-फॉस 

    

५) वृषभ (२१ अप्रैल से २१ मई )---



पीड़ित अंग ---गर्दन ,लिवर सेरिबैलम ,कान ,निचला जबड़ा, गॉल-ब्लैडर ,गला.


बीमारी--- दमा , गॉल-स्टोन ,लिवर कि बीमारी ,गले में खराश ,आवाज बंद हो जाना ,कब्ज ,माहवारी या गर्भावस्ता के समय कि तकलीफ .


 होम्योपैथिक दवा---नेट्रम-सल्फ


६)मिथुन (२१ मई से २१ जून) ----



पीड़ित अंग ---फेफड़े ,कंधे ,हाथ ,स्वसन -तंत्र ,ब्रोन्कियल ट्यूब 


बीमारी---गले में खराश ,ब्रोन्कियल ट्यूब में रूकावट ,चर्मरोग ,जोड़ो का दर्द ,सूजन ,सफ़ेद गाढ़ा बलगम 


 होम्योपैथिक दवा---काली -म्यूर 



७)कर्क (२१ जून से २१ जुलाई)---



पीड़ित अंग ----चेस्ट ,पेट ,स्प्लीन .


बीमारी---बबासीर ,नाख़ून के रोग ,वेरिकोस -वेन्स, ग्रंथियों के रोग , उंगलिया और पलकों के रोग 

 होम्योपैथिक दवा---केल्केरिआ-फलोर 



८) सिंह (२१ जुलाई से २१ अगस्त )---



पीड़ित अंग ---ह्रदय , मोटर –नर्व्स


बीमारी---कान -दर्द , पेट दर्द , जलन ,ह्रदय-रोग ,हाथ पैरो में कम्पन ,माहवारी में पेटदर्द ,बुखार ,अपच .
 

 होम्योपैथिक दवा---मैग्नेशियम -फॉस 



९)कन्या (२३ अगस्त से २३ सितम्बर )----


पीड़ित अंग ---पेट


बीमारी ----कब्ज ,अपच , लिवर के रोग ,पेट आसानी से ख़राब हो 
.

 होम्योपैथिक दवा  ---काली-सल्फ



१०)तुला (२३ सितम्बर से २३ अक्टूबर )---


पीड़ित अंग ---कमर ,किडनी ,मूत्र -तंत्र ,जनेंद्रिया.


बीमारी---डायबिटिस,किडनी के रोग ,एक्जिमा ,गठिया ,पेट के अलसर, मुँह का स्वाद ख़राब .


 होम्योपैथिक दवा---नेट्रम -फॉस 



११)वृश्चिक (२३ अक्टूबर से २३ नवम्बर )---



पीड़ित अंग ---प्रोस्टेड ,नाक की हड्डी ,गला , निप्पल ,रेक्टम ,ब्लैडर .

बीमारी ---चर्म रोग , फोड़े ,मसूड़े में फोड़े , किडनी के रोग , दस्त ,लिवर के रोग , क्रोनिक एक्जिमा ,क्रोनिक रहूमेटिज्म, फिस्टुला .


 होम्योपैथिक दवा---केल्केरिआ -सल्फ



१२)धनु ( २२ नवम्बर से २१ दिसेम्बर )---



पीड़ित अंग ---जांघ, हिप्स , पसीने की ग्रंथि , बाल ,नाख़ून ,हड्डी ,रक्त -वाहिकाएं .


बीमारी ---पैरो में पसीना खासकर रात में ,कमजोरी ,चर्म लाल , खुजली नहाने के बाद ,रक्त की बीमारी ,खाने के बाद भूख,अपच 
.

 होम्योपैथिक दवा--- साईलिसीया