Wednesday, July 22, 2009

HOMOEOPATHY IN HAIR PROBLEMS






HOMOEOPATHY IN HAIR PROBLEM


(www.drneetisclinic.com)




Hairs are one of the most important part of human beauty. And nobody wants to make any compromise with hairs. In current scenario, youth are mainly suffered from hair problems like Grey hairs, hair fall, dandruff, thin hairs,baldness, lice etc. All types of hair problems may be caused by various reasons such as – Hormonal imbalance, Shampoo, Hair die, Malnutrition, Pollution,Tension, Depression and so on.



CAUSES OF HAIR PROBLEMS



Thyroid gland play vital role in hair problems. It secrets Thyrodenium hormone, less secretion of this hormone is responsible for grey hairs, hair falling and baldness. If we remove the deficiency of that hormone, most of the hair problems can be solve simultaneously.



SOME COMMON HAIR PROBLEMS –



Hair problem is not exactly a disease but as we know hairs are the most important part of human beauty hence folks are always worried about their hairs. Here we are going to discuss on some major hair problems –



DANDRUFF –


Dandruff is one of the most common hair problem occupied approximately 90% folks. People use many kinds of shampoo and oils for that but this is not the complete and permanent solution of the problem. Lot many times dandruff removal shampoo cause baldness or hair fall problem. Mostly wrong feeding habits play an important role in the causation of dandruff.



  • Dry and falling dandruff –
  • Wet dandruff –
  • Excess of dandruff with etching –
  • White dandruff -


Some homoeopathic medicines for dandruff --


Ars. Alb, Sepia, Thuja, Graphyt, Thuja.



HAIR FALL –



Hair fall is a common phenomenon. During combing, 5-10 hair fall commonly but if this problem turns serious then treatment become essential. Mostly dandruff raises the problem of hair falling. Some other things like Deficiency of Thyroid hormone, Malnutrition, Shampoo, Hair color,Hair die, Tension, Depression, Pollution, Lack of proper care etc.



Types of hair fall -


  • Simple Hair Falling
  • Hair fall of head, eyebrow and reproductive organ
  • Hair fall due to dandruff
  • No new hairs after fall
  • Fall in bunch during combing
  • Hair fall after pregnancy
  • Hair fall due to weak hair roots



Some commonly used homoeopathic medicines for hair falling are above mentioned –


Acid fl, Selen, Acid phos, Thuja, Mezer, Ars Alb, Ustilage, Cal phos.



GREY - HAIRS -



In recent time, grey hairs is not the symptom of oldage but it became a very common problem. Youngsters are suffered more from this problem. However grey hairs can not turn into black again but with the help of homoeopathic medicines grey hairs falls down after the completion of their age and new hairs comes black.



Grey hairs can be of various types –



  • Grey hairs with hair fall.
  • Grey hairs by old age weakness
  • Grey hairs because of hormonal misbalance.
  • Grey hair in young stage.
  • Grey hair after a long disease.
  • Grey due to hair dye.
  • Grey due to use of shampoo in excess.
  • Grey hairs due to tension or depression.





Its homoeopathic medicines are as follows –


Thyroidinum ,Lycopodium ,Nat-mur,Alumina ,Acid-Phos etc.



BALDNESS –


In current time,Baldness can be included as a major hair problem. Few years back, baldness occurred only in mature and old age persons but now-a-days young guys are also facing these problem. Mostly 30+ guys are more suffered from baldness.


Baldness is also of different type viz. –



  • Complete baldness
  • Baldness on lateral sides of head.
  • Baldness on the top of the head (Crown).
  • Baldness in patches on head and beards.




Homoeopathic medicines for Baldness –


Lycopodium ,Silicea ,Grapht,Baryta-carb,Ferr-Phos.



DRY AND OILY HAIRS –



Some people have very dry hairs which are very weak and fall easily, while on the other hand some have oily hairs. Oily hairs are also a problem because they (people) use to wash their hairs everyday. Daily washing of hairs may cause weakness in hair roots.



Homoeopathy has sufficient remedies for both problems viz. –


Thuja, Nat- mur.



HAIR LICE –


Usually children are suffered from hair lice. If we don’t care properly, sometimes lice can occupies the hairs of eyebrows too. Lice killer shampoo however removes lice but they are made by hard chemicals and as a result hairs can be damaged. They can loose their shine and softness.


Homoeopathic medicines for hair lice –


Staphy, Psorinum



Besides these all reasons, some other factors like water and air pollution are also responsible for hair damage or hair problems. We can not remove pollution permanently from our surroundings but we can decrease the effect of pollution on hairs with the help of homoeopathic medicines.




( In case of any query you can contact me @ - dr.neetisclinic@gmail.com)




NOTE -


Kindly do not use any medicine without consultation because all medicines have different potencies. Apart from this, patient’s other symptoms are also important.

Monday, July 20, 2009

आपके बाल और होम्योपैथी


आपके बाल और होम्योपैथी




बाल मानव के सौंदर्य का अभिन्न हिस्सा है और कोई भी व्यक्ति किसी भी कीमत पर अपने बालो के साथ समझोता नहीं करना चाहता है .बालो को खो देने का डर प्रायः सभी के मन में होता है. आज के समय में लोगो की प्रमुख समस्या बालो की है जैसे बाल सफ़ेद होना ,बाल झड़ना, dandruff होना ,गंजापन ,बालो का पतला होना ,जूँ होना आदि. बालो की इन समस्या के कई कारण होते है जैसे


1) हार्मोन्स का असंतुलन
2)
शैंपू का आत्याधिक प्रयोग
3)
हेयर डाई
4)
प्रदूषण
5)
तनाव या चिंता
6)
लम्बी बीमारी
7)
खून की कमी (Anaemia)



बालो की सभी प्रकार की समस्यों के लिए मुख्यतः थाइराईड ग्रंथी तथा इससे स्रावित होने वाला थाईरोइड हार्मोन उत्तरदायी है. थाइराईड हार्मोन यदि कम मात्रा में स्रावित होता है तो बालो का सफ़ेद होना ,झड़ना ,गंजापन आदि समस्या शुरू हो जाती है.

1) रुसी (Dandruff)—



Dandruff की समस्या आज 90% लोगो की है .तरह-तरह के शैंपू , तेल का उपयोग करने पर भी पूरी तरह से छुटकारा नहीं मिल पता है .कई बार रुसी रोधी (anti dandruff )शैंपू का उपयोग करने पर dandruff तो जाती नहीं पर बाल जरुर चले जाते है .dandruff का मुख्य कारण हमारा खान-पान होता है. Dandruff कई प्रकार की हो सकती है जैसे --


1) सूखी रुसी (dry dandruff)
2) तर रुसी (wet dandruff)
3) सफ़ेद रुसी (white dandruff)
4) dandruff के साथ सिर में बहुत ज्यादा खुजली होना




होम्योपैथिक दवाए -- Ars-Alb, Thuja ,Sepia ,Kali mur ,Grapht, आदि


बालो का झड़ना (Hair fall)—



Dandruff के साथ बालो की झड़ने की समस्या बढ़ जाती है वैसे तो बाल झड़ने के कई कारण होते है और बालो का झड़ना भी कई प्रकार का हो सकता है जैसे


1) साधारण तौर पर बाल झडना.
२) सिर के साथ साथ भोवें (eye brows) ,मूछों के बाल, प्रजनन अंग (genital organs) के बाल झडना
3) dandruff के कारण बाल झडना.
4) कंघे में बालो के गुच्छे आ जाए
5) गर्भावस्ता (pregnancy) के बाद बाल झडना.
6) बालो की जड़ कमजोर होने के कारण बाल झडना.
7) कुपोषण (malnutrition) के कारण बाल झडना
8) सिर के बालो का आगे से झड़ना, बीच से झड़ना,दोनों साइड से झड़ना आदि
9) बाल झड़ने के बाद फिर न आये

होम्योपैथिक दवाए --Acid -Flor, Ars-Alb ,Selen, Nat-mur ,Thyroidinum आदि.



बाल सफ़ेद होना


अब बाल सफ़ेद होने को बुढापे की निशानी नहीं माना जाता है क्योकि आज कल कम उम्र में बाल सफ़ेद होना बहुत ही सामान्य सी बात है जिसके कई कारण है. होम्योपैथिक दवा से सफ़ेद हो गए बाल काले तो नहीं होते है लेकिन अपनी उम्र पूरी होने के बाद सफ़ेद बाल गिर जायेगे और जो नए बाल आते है वो काले आते है

.
1) बाल झड़ने के साथ -साथ सफ़ेद होना
2) बुढापे में कमजोरी के कारण बाल सफ़ेद होना
3) हार्मोन्स का असंतुलन होने के कारण बाल सफ़ेद होना
4) कम उम्र में बाल सफ़ेद होना
5) लम्बी बीमारी के बाद बाल सफ़ेद होना
6) हेयर डाई के कारण बाल सफ़ेद होना
7) शैंपू का आत्याधिक प्रयोग करने के कारण बाल सफ़ेद होना
8) तनाव या चिंता के कारण बाल सफ़ेद होना



होम्योपैथिक दवाए --Thyroidinum ,Lycopodium ,Nat-mur ,Alumina ,Acid-Phosआदि.

गंजापन


गंजापन बालो की आम से एक प्रमुख समस्या बनती जा रही है .पहले यह अधेड़ व अधिक उम्र के पुरुषों में पाया जाता था परन्तु वर्तमान में यह युवाओ में भी सामान्यं रूप से देखा जाता है .प्राय 30 की उम्र के पश्चात गंजेपन की समस्या शुरू हो जाती है .


1) सम्पूर्ण गंजापन
2) सिर के पार्श्व (lateral side) के भागो में गंजापन
3) सिर के शीर्ष (Top of the head) भाग का गंजापन
4) सिर व दाढी पर चकत्ते में गंजापन

होम्योपैथिक दवाए--Lycopodium ,Silicea ,Grapht ,Baryta-carb,Ferr-Phos आदि



बालो का रूखापन( dryness of hair )—



बालो की एक समस्या में ये भी है बहुत से लोग के बाल बहुत रूखे होते है जिसके कारण बाल हमेशा उलझे रहते है और जल्दी जल्दी टूटते है.


होम्योपैथिक दवाए -Kali –carb, Grapht



तैलीय बाल ( oily hair) –



कुछ लोगो के बाल इतने तैलीय होते है की उनको रोज बाल धोने पड़ते है. जिसके कारण बाल बहुत कमजोर हो जाते है और टूटने लगते है.


होम्योपैथिक दवाए Thuja , Nat -mur



जूँ होना(lice)—



अक्सर बच्चो के बालो में जूँ हो जाती है और जूँ नाशक शैंपू का उपयोग करने पर बाल ख़राब होने लगते है लेकिन होम्योपैथिक दवा से जूँ की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है.



होम्योपैथिक दवाए Staphy , Psorinum



होम्योपैथी में सिर्फ रोग के कारण को दूर करके मरीज को ठीक किया जाता है उसी प्रकार से बालो की समस्या के कारण को दूर कर के हम उसको ठीक कर सकते है .जैसे हार्मोन्स का असंतुलन होने पर उसे ठीक कर सकते है ,शैंपू या हेयर डाई का प्रयोग कम या बंद करके या कुपोषण (malnutrition)को ठीक करके हम इन समस्यायों से मुक्त हो सकते है .लेकिन बहुत से कारण ऐसे होते है जिनको दूर करना थोडा मुश्किल होता है जैसे प्रदूषण.

जल या वायु प्रदूषण को दूर तो नहीं कर सकते है पर उसके प्रभाव को होम्योपैथिक दवा दे कर कम जरुर कर सकते है


होम्योपैथिक दवा--Bromium ,Baptisia



उपरोक्त दवाये केवल उदहारण के तौर पर दी गयी है .कृपया किसी भी दवा का सेवन बिना परामर्श के ना करे ,क्योकि होम्योपैथी में सभी व्यक्तियों की शारीरिक और मानसिक लक्षण के आधार पर अलग -अलग दवा होती है

Monday, July 6, 2009

चेयर जॉब के दुष्प्रभाव





चेयर जॉब के दुष्प्रभाव




वर्तमान समय में लगभग 90% नौकरी कुर्सी पर बैठ कर करने वाली है ,ऐसी स्थिति में कर्मचारी को ना चाहते हुए भी 8 से 12 घंटे प्रतिदिन कुर्सी पर बैठना पड़ता है.ऐसा माना जाता है कि कुर्सी पर बैठ कर नौकरी करने वालो को प्रति एक घंटे के बाद उठ कर पांच मिनिट टहल लेना चाहिए लेकिन नौकरी में ऐसा संभव नहीं है ,नतीजा यह निकलता है लगातार 8 से 10 घंटे कुर्सी पर बैठे रहने के कारण समस्त आयु वर्ग के लोग कुछ विशेष प्रकार की शारीरिक समस्याओ से ग्रसित हो जाते है .जैसे



1) मोटापा (खास करके पेट पर चर्बी चढ़ना)
2)
कमर व गर्दन में दर्द होना .
3)
पाचन से सम्बंधित समस्याए
4)
पैरो में सूजन
5)
मानसिक अवसाद (depression)

प्राय:लोग यह सोचते है की सुबह घूमने से या कसरत करने से ये समस्याए स्वत: सुलझ जायेगी किन्तु इन सब चीजो के लिए समय निकल पाना आज की अति व्यस्त जिन्दगी में लगभग असंभव हैं.ऐसी स्थिति में इंसान सोचता है कि मैं कैसे इन समस्यायों से निजात पाऊ ? लोगो की इन्हीं समस्यायों को सुलझाने की नजरिये से मैंने यह लेख लिखा है क्योकि ये समस्याए सुनने में साधारण लगती है लेकिन वास्तव में गंभीर रोगों की जड़ इन समस्यायों से ही शुरू होती है.
यहाँ कुर्सी पर बैठने की नौकरी से सम्बंधित बीमारियों तथा उनके होम्योपैथिक उपचार पर चर्चा की गयी हैं


.

1) मोटापा ...यह कुर्सी पर लगातार बैठ कर नौकरी करने वालो में सर्वाधिक पायी जाने वाली समस्या हैं जो स्वयं एक बीमारी नहीं हैं लेकिन अनेक बिमारियों की जड़ हैं .मोटापा स्त्री व पुरुष में अलग अलग प्रकार से देखने को मिलता हैं क्योकि उनकी शारीरिक रचना अलग अलग होती हैं .यद्यपि स्त्री व पुरुष समान घंटो तक समान कार्य करे तब भी उनमे मोटापे का भिन्न भिन्न स्वरुप देखने को मिलता है .


1) पुरुषों का मोटापा --
लक्षण-- शरीर का बेडोल होना ,पेट पर चर्बी चढ़ना .
2) स्त्रियों का मोटापा --
लक्षण-- कमर चौडी होना ,पेट पर चर्बी चढ़ना ,नितम्ब भाग का चौडा होना .
अत:शारीरिक बनावट को ध्यान में रखते हुए स्त्रियों व पुरुषों के मोटापे के लिए अलग अलग दवाए हैं .जैसे --

2) पुरुषों का मोटापा -- Phytolacca Berry Nux-vomica

3) स्त्रियों का मोटापा - Nat-mur, Antim-crud


4) कमर में दर्द व गर्दन में दर्द होना -- कुर्सी पर बैठ कर नौकरी करने वालो में सबसे आम लेकिन बेहद तकलीफ देह समस्यायों में से एक यह हैं. इसमें लगातार कुर्सी पर बैठने के कारण कमर अकड जाए ,गर्दन में दर्द व अकडन,कंधो में दर्द ,रीढ़ की हड्डी में दर्द होना , नितम्ब भाग में दर्द होना आदि लक्षण रहते है इनकी होम्योपैथिक दवाए निम्न हैं ...
, Rhus-tox ,Hypericum ,Cimicifuga आदि



5) पाचन सम्बन्धी समस्याएँ --लगातार बैठे रहने के कारण खाना ठीक से हजम नहीं हो पता है जिसके कारण कई प्रकार की समस्याएँ खड़ी हो जाती है जैसे ,पेट फूलना ,डकारे आना ,उल्टी होना या मिचली आना , मुहं में खट्टा पानी आना ,खाते ही पेट में दर्द या भारीपन होना ,पेट या सीने में जलन होना ,कभी दस्त और कभी कब्ज होना आदि लक्षण रहते है .इसके अलावा अधिक मात्रा में चाय काफी लेना ,देर रात तक जागना ,सिगरेट गुटका आदि के कारण भी पाचन सम्बन्धी समस्याएँ होती है यहाँ पर कुछ होम्योपैथिक दवाइया दी गयी है जिनसे इन समस्यायों से हमेशा के लिए निजात पाया जा सकता है

Nux-vomica , Antim-crud , Lycopodium , Capsicum आदि जिन्हें रोगी के लक्षण देख कर दिया जाता है



6) मानसिक अवसाद (depression)-- आज की भागमभाग भरी जिंदगी, तनावपूर्ण जीवनशैली, नौकरी छूटने की चिंता आदि अनेक बाते डिप्रेशन को जन्म देती है ,जिसके लक्षण निम्न होते है ....
1) चिड -चिड करना
2) बात बात पर गुस्सा आना
3) रोने का मन करना
4) किसी काम में मन नहीं लगना
5) गुमसुम रहना ,किसी से बात करने का मन नहीं होना
6) भूख प्यास नहीं लगना


उपरोक्त सामान्य लक्षण के अलावा कुछ विशिष्ट लक्षण भी डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति में देखे जा सकते हैं -


१) गुस्से में बॉस को मारने का मन करे Hepar sulph
२) आर्थिक स्थिति के कारण उत्पन्न होनेवाला तनाव Nat-mur
३) गुस्से में चीज़ें फेंके Staphy
४) नींद ना आना / बार-२ नींद टूटना Coffea, Thuja



जब मानसिक अवसाद गंभीर अवस्था में आ जाता हैं तो आत्महत्या करने के विचार मन में प्रबल होने लगते है . मानसिक अवसाद की कुछ सामान्य होम्योपैथिक दवाइया --Chamomila ,Coca , Ars -alb आदि


5) पैरो में सूजन --लम्बे समय तक कुर्सी पर बैठने से कमर दर्द तो होता ही है साथ ही पैरो में रक्त प्रवाह रुकने के कारण सूजन भी आने लगती है ख़ास कर महिलायों में ये समस्या आम है पैरो में सूजन की कुछ होम्योपैथिक दवाइया लक्षणके अनुसार दी जा सकती है लेकिन पहले सूजन का कारण जानना जरुरी है --Pulsatilla ,Lycopodium ,Calc-flor आदि

नोट - कृपया किसी भी दवाई का सेवन होम्योपैथिक डॉक्टर की सलाह के बिना ना करें क्योंकि सभी दवाओं की potency अलग- अलग होती है, इसके अतिरिक्त रोगी / व्यक्ति के अन्य शारीरिक व् मानसिक लक्षण भी अत्यधिक महत्व रखते हैं.