Saturday, February 2, 2013

जब एक्ज़िमा से कीड़े निकले

५/७/२०११ को मेरे क्लिनिक मे ७३ साल के एक मरीज आये ,जिन्हे ४० वर्शो से एग्जीमा की तकलीफ थी ,जो कि दोनो पैरो मे और हाथो मे था. दोनो हाथो और पैर के नाखुन भी खराब हो चुके थे .वे बहुत ईलाज कर चुके थे यंहा तक कि उन्होने अपने दोनो पैर भी गर्म पानी से जला लिये थे जिस से पैरो मे घाव बन गये थे .वे खुजली और दर्द से बेहद परेशान थे एग्जीमा से लगातार पानी बहता था .एग्जीमा के साथ साथ उनको डायबीटिज और आस्थमा भी था, एग्जीमा का ईलाज शुरु किया मगर कुछ दिनो तक कोई भी दवा का असर नही दिखा ,फिर ५/६ दिन बाद उनके पैरो सुजन आ गई जो दवा देने पर बिल्कुल हो ठीक गयी मगर उनकी खुजली ठीक होने नाम ही नही ले रही का थी उन्होने वापिस से दुसरा ईलाज शुरु कर दिया परन्तु उस ईलाज का असर कुछ दिन ही रहा तत्पश्चात उनका रोग फिर से उभरने लगा, २ महिने बाद वे मेरे पास फिर से आये तब मैने उनका फिर से ईलाज शुरु किया ,कुछ दिनो के ईलाज के बाद उनकी खुजली काफी कम हुई और स्किन भी नोर्मल होने लगी ,परन्तु पैर मे जिस स्थान पर घाव था उसमे काफी दर्द था जिस पर मैने होम्योपैथिक दवा लगाई, दवा लगाने के कुछ देर बाद ही उस घाव से इल्लिनुमा कीडे निकलने लगे, जिनको चिमटी की सहायता बाहर निकाला तो 45 कीडै निकलै उसके बाद उनको कुछ खाने और लगाने को दवाई दी,उनके नाख़ून पूर्णत: ठीक हो गये और स्किन भी काफ़ी हद तक नॉर्मल होने लगी थी ,साथ ही उनका अस्थमा और शुगर भी काफ़ी कंट्रोल मे है अभी भी उनका उपचार चल रहा है और पूर्णत: ठीक होने मे कुछ महीने और लगेगे .