Sunday, March 4, 2018

My Case Of Skin Disease Before, During & After homoeopathic Treatment

(जब लेज़र और एलोपैथिक ट्रीटमेंट से भी ठीक नहीं हुआ था )




My Case Of Fungal Infection ....Before ,During & After homoeopathic Treatment





MY CASE OF WARTS .....


Before  & After homoeopathic Treatment.....



एक्जिमा और होम्योपैथी

                एक्जिमा और होम्योपैथी

 
एक्जिमा एक प्रकार का चर्म-रोग हैं, जिसका सही ईलाज न किया जाये तो यह बार-बार हो जाता हैं कई तरह के लोशन, क्रीम आदि लगाने से कुछ समय तो ठीक रहता हैं, परन्तु इन्हें बंद करते ही ये फिर से उभर आता हैं ये सालो चलता रहता हैंएक्जिमा में शुरुआत में छोटे-छोटे पानी भरे दाने जैसे निकलते हैं जिनसे चिपचिपा पानी जैसा निकलता हैं, परन्तु एक्जिमा जैसे-जैसे पुराना (chronic) होता जाता हैं पानी भरे दाने कम होने लगते हैं और स्किन मोटी, खुरदुरी और काली होने लगती हैं एक्जिमा को यदि किसी क्रीम, लोशन या दवाई से दबा (suppress) देते है तो अस्थमा की शिकायत हो सकती हैं कई बार एक्जिमा सिर्फ ठंड के मौसम में ही तकलीफ देता हैं या सिर्फ गर्मी में, बाकी समय ठीक रहता हैं  


किसको होता हैं एक्जिमा .....
एक्जिमा किसी भी उम्र के स्त्री-पुरुष या बच्चे को हो सकता हैं यह शरीर के किसी भी भाग में हो सकता हैं


प्रकार ....

एक्जिमा दो प्रकार का होता हैं....

खुश्क (Dry) एक्जिमा और बहने वाला एक्जिमा (wet eczema)

खुश्क एक्जिमा में त्वचा सूखी हो जाती हैं, परते सी झड़ने लगती हैं, और बहने वाले एक्जिमा में से चिपचिपा सा पानी बहता हैं


कारण ... होम्योपैथी के अनुसार एक्जिमा का कारण सोरा मियाज्म माना जाता हैं
 
अन्य कारण .....

-धूल, फूलो के पराग
-कास्मेटिक, परफ्यूम
-डिटर्जेंट, साबुन
-सिंथेटिक कपडे
-गलत खान-पान
     

लक्षण.....

स्किन लाल (Redness) हो जाती हैं
एक्जिमा वाले स्थान पर खुजली होना
जलन होना
स्किन मोटी और काली हो जाना
त्वचा पर छोटे-छोटे पस या पानी भरे छाले होना
त्वचा रुखी होना (Dry-skin)
एक्जिमा से चिपचिपा सा पानी निकलना
त्वचा सूखी हो कर झड़ना  
त्वचा पर बड़ी-बड़ी दरारे पड जाना
खुश्क एक्जिमा में त्वचा खुरदुरी और छिछडेदार (Scaly) होना
खुजली करते-करते रोगी को खून तक निकल आता हैं  




होमियोपैथी उपचार ....


अधिकांश लोगो को लगता हैं कि होम्योपैथी से स्किन की बीमारी पहले बढ़ जाएगी फिर कम होगी, या फिर सालो दवाई खाना होगी तभी ठीक होगी, लेकिन ऐसा नहीं हैं होम्योपैथी में रोग की जड़ को मिटाया जाता हैं ताकि रोग दुबारा न हो यदि होम्योपैथी में यदि सही तरीके से ईलाज किया जाए तो त्वचा-रोग बिना बढे और बहुत जल्दी हमेशा के लिए ठीक हो जाता हैं। (यह लेख जानकारी के लिए हैं, कृपया खुद ईलाज न करे अन्यथा रोग बिगड़ सकता हैं।)  


    
पेट्रोलियम (Petrolium)...

सर्दियों में होने वाला खुश्क-एक्जिमा, खुजली करने के बाद पानी जैसा निकलने लगता हैं स्किन पर गहरे-गहरे कट लग जाते हैंहथेली, उगलियों के जोड़ पर, कान के पीछे, होने वाला एक्जिमा 
   

रस-टाक्स (Rhus-Tox)....

त्वचा पर बहुत ज्यादा खुजली होती हैंपानी भरे छाले हो जाते हैंत्वचा लाल हो जाती हैं त्वचा पर जलन बहुत होती हैं, साथ ही छाले सूखने पर त्वचा झड़ने लगती हैं
    

ग्रेफाईटिस (Graphtis)...

एक्जिमा से चिपचिपा पानी सा बहता हैं रात में ज्यादा खुजली होती हैंपेशेंट को कब्ज की शिकायत रहती हैंस्किन मोटी (Thick) हो जाती हैं बड़ी और गहरी दरारे सी हो जाती हैं नाख़ून काले रंग के और मोटे हो जाते हैं
    

हिपर-सल्फ (Hepar-Sulph)...

पस वाले दाने हो, छूने पर दर्द हो, हाथ और पैर की त्वचा पर गहरी दरारे हो जाती हैं हाथ की उंगिलयों में सूजन आ जाती हैं पेशेंट बहुत सेंसेटिव होता हैं     


सल्फर ( Sulphur).....

अत्याधिक जलन होती हैं बहुत ज्यादा खुजली होती हैं, यहाँ तक कि खुजाते-खुजाते खून तक निकाल लेता हैं छोटी से छोटी चोट भी पक जाती हैं पैरो में जलन होती हैं स्किन ड्राई होती हैं एक्जिमा से गन्दी सी गंध आती हैं (ये रोग को बढ़ा कर ठीक करती हैं)





नोट-  होम्योपथी में रोग के कारण को दूर करके रोगी को ठीक किया जाता है। प्रत्येक रोगी की दवा उसकी पोटेंसी, डोज आदि उसकी शारीरिक और मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग होती है। अतः बिना चिकित्सीय परामर्श के यहां दी हुई किसी भी दवा का उपयोग न करें। रोग और होम्योपथी दवा के बारे में और अधिक जानकारी के लिए यहां लॉगइन कर सकते हैं।