Monday, October 27, 2014

HOME MADE HERBAL TREATMENT FOR RINGWORM (दाद का घरेलु उपाय)

  HOME MADE HERBAL TREATMENT FOR RINGWORM

         
                  Apply pest of Tulsi leaves on ringworm


                                         दाद का घरेलु उपाय


        दाद या रिंगवर्म होने पर तुलसी की पत्ती का पेस्ट लगाये

जलने पर घरेलु उपाय ( HOME MADE HERBAL TREATMENT FOR BURN )



                         जलने पर  घरेलु उपाय



          जले  स्थान  पर कच्चे आलू  का  पेस्ट  लगाये 
 

                                 अथवा
 

      एलो -वेरा  का पेस्ट लगाये ( एलो-वेरा क्रीम या जेल नहीं )



 HOME MADE HERBAL TREATMENT FOR BURN 



          Apply pest of raw potato on burn area 

                      OR

       Apply aloe-vera pulp on burn area 








Wednesday, October 8, 2014

डिप्रेशन दूर करे होम्योपैथी


       डिप्रेशन दूर करे होम्योपैथी


आज कल की भागदौड़ भरी जिंदगी में ८०% लोग डिप्रेशन में रहते है .जब यह तनाव या डिप्रेशन बहुत अधिक बढ़ जाता है , इंसान बहुत निराश हो जाता है. कई बार आत्महत्या का विचार भी मन में आने लगता है. आखिर ये डिप्रेशन होता क्या हैं ये बताने की एक छोटी सी कोशिश की हैं मैंने…..
अकसर लोगो को यह कहते सुना होगा की आज मूड नहीं है या आज मूड ख़राब हैं लेकिन यह मूड होता क्या हैं ? जब किसी व्यक्ति के व्यवहार में कोई परिवर्तन आता है तो उसे मूड या मनोदशा कहते हैं और जब इन मनोभावों या मनोदशा में किसी प्रकार का विकार आ जाता हैं तो उसे डिप्रेशन कहते हैं  इस प्रकार से कह सकते हैं कि डिप्रेशन  इंसान के मनोभावों या मनोदशा का एक प्रकार का विकार होता हैं

क्यों होता हैं डिप्रेशन----
1)   जब ब्रेन के कुछ निश्चित केमिकल जैसे सेरोटीन ,नोर-एपिनेफ्रीन और   डोपामिन का संतुलन बिगड़ जाता हैं तो डिप्रेशन होता हैं

2)   बीमारी --- बीमारी जैसे टाइफाइड ,इन्फ्लुएंजा आदि बीमारिया मूड को बदल देती हैं एक हँसता -खेलता  बच्चा बीमारी के कारण चिड़चिड़ा, अधीर, क्रोधित ,भययुक्त या उदास हो जाता हैं.  इसी प्रकार से दुःख,डर,गुस्सा ,निराशा भी मूड को बदल देते है और इंसान मूडी हो जाता है और अपनी भावनाओं और व्यवहार का संतुलन खो देता हैं

3)   अनुवांशिक --- अक्सर माता -पिता के नर्वस सिस्टम के असंतुलन होने के कारण बच्चा भी मूडी हो जाता हैं.  माँ में हताशा  या निराशा के भाव होने पर उसका असर बच्चो पर भी होता है



4)       केमिकल्स ---  कुछ केमिकल ड्रग्स भी शरीर में असंतुलन पैदा करते हैं .


5)   वातावरण --- वातावरण भी मूड को चेंज करने में एक अहम भूमिका निभाता है.


6)   हार्मोन्स की गड़बड़ी--- मूड चेंज होने का एक कारण यह भी होता हैं .थायराइड ,पिट्यूटरी ,एड्रिनल  तथा दूसरी ग्लेंड्स से स्त्रावित होने वाले हार्मोन्स की गड़बड़ी के कारण एक अच्छा भला इंसान मूडी हो जाता है.

  •   इसके अलावा भी डिप्रेशन के कई कारण हैं जैसे ........
  •   आर्थिक समस्या
  •   नौकरी या पढाई से संबधित समस्या
  •   पारिवारिक समस्या
  •   रिलेशनशिप की समस्या
  •   सेक्सुअल प्रॉब्लम
  •   शारीरिक कमजोरी

      डिप्रेशन के लक्छन .....
      निराशा और असहाय महसूस करना
      चिड़चिड़ाहट  होना
      रोज के कार्यो में मन न लगना
      अकेलापन महसूस होना
      एकाग्रता की कमी होना
      छोटी -छोटी बातो पर गुस्सा होना
      नींद न आना या अत्याधिक नींद आना
      डर लगना
      मन में हीनभावना आना या गिल्टी फील होना
      अकेले में रोना
      भूख-प्यास काम हो जाना या बहुत बढ़ जाना
      अकेले रहना चाहे
      मन में आत्महत्या के विचार आये



 होम्योपैथिक दवाये----    होम्योपैथिक दवाये मन पर बहुत अच्छा कार्य करती हैं   और होम्योपैथिक में डिप्रेशन की बहुत सारी दवाये हैं जो डिप्रेशन के कारण को दूर करती हैं दवा का चुनाव कारण पर निर्भर करता हैं .अतः खुद अपना इलाज करने का प्रयास न करे

आर्स -अल्ब ---मरने का डर, मरीज सोचता है की दवा खाना बेकार हैं , अकेले रहने से डर लगता हैं ,भूत -प्रेत दिखने की बाते करे .आत्महत्या करने की प्रबल इक्छा.


औरम -मेट ----जिंदगी से निराश ,आत्महत्या करने की बार बार कोशिश करे या आत्महत्या के विचार बार बार मन में आये ,नींद न आये ,लड़ाई झगड़े के सपने बार बार देखे .नींद में रोये.


एसिड -फॉस----प्रेम मे असफलता के कारण डिप्रेशन ,किसी भी चीज मे कोई रुचि नहीं रहती हैं ,मानसिक रूप से थका हुया . हमेशा चिंतित सा रहता हैं

 


नेट -म्यूर---लड़ाई -झगड़े या गुस्से के दुष्प्रभाव के कारण डिप्रेशन ,अकेले में मरीज रोना चाहता हैं ,चिड़चिड़ा हो जाता है .आर्थिक कारण के वजह से डिप्रेशन होता हैं .डिप्रेशन कुछ क्रोनिक बीमारियो के कारण हो .



नक्स-वोमिका ----अत्याधिक चिड़चिड़ा ,पढ़ाई या नौकरी के कारण चिड़चिड़ा .रात को बजे के बाद सो सके .नर्वेसनेस के साथ साथ कब्ज की भी शिकायत रहती है .रोगी को किसी भी प्रकार की आवाज़ ,गंध या रौशनी सहन नहीं होती हैं.



स्टेफीसेग्रिया ---- किसी के द्वारा बेइज्जती किये जाने को मन में रख लेने के कारण तनाव या डिप्रेशन हो . लोग उसके बारे में क्या सोचते हैं यही सोच सोच कर डिप्रेशन हो, रोगी  अत्याधिक संवेदनशील होता है.


 आर्ज़ -नेट --- मानसिक और शारीरिक रूप से खुद पर काबू ना रह पाये ,हमेशा डरा हुया और नर्वस रहे डरावने सपने दिखे खास कर के साँप केएग्जाम देने मे डर लगे . आत्मविश्वास की कमी. अपने आस-पास तरह तरह की वस्तुओं का आभास होना.



नोट ---- होम्योपैथी में रोग के कारण को दूर कर के रोगी को ठीक किया जाता है .और प्रत्येक रोगी की दवा उसके शारीरक और मानसिक अवस्था  के अनुसार अलग अलग होती हैं .अतः बिना परामर्श यहाँ दी हुई  किसी भी दवा का उपयोग करे. अधिक जानकारी के लिए www.facebook.com/Drneetisclinic पर लोगिन कर सकते हैं.


डॉ. नीति श्रीवास्तव (B.H.M.S.)