आत्महत्या और होम्योपैथी
आत्महत्या यानि खुद की हत्या करना .आज कल की भागदौड़ भरी जिंदगी में ८०% लोग डिप्रेशन में रहते है .जब यह तनाव या डिप्रेशन बहुत अधिक बढ़ जाता है , इंसान बहुत निराश हो जाता है और आत्महत्या जैसा घातक कदम उठा लेता है. ना सिर्फ़ भारत मे अपितु समस्त सन्सार मे आत्महत्या करने वालो की
संख्या दिनप्रतिदिन बढ़ती जा रही है.
आत्महत्या का मुख्य कारण जीवन
से निराश होना हैं .इंसान जब सब तरफ़ से निराश हो जाता है तो वह आत्महत्या जैसा
कदम उठाने कि सोचने लगता हैं, और कई बार आत्महत्या जैसा कदम उठा भी लेता हैं.
आत्महत्या करने के यूँ तो कई कारण होते हैं परन्तु मुख्यतः निम्न कारण हो सकते हैं-----
1) घर परिवार से परेशान हो कर
2) प्रेमप्रसंग मे निराशा मिलने पर
3) बेरोजगारी या परीक्छा में असफलता
मिलने पर
4) किसी बीमारी या रोग के कारण
इसके आलावा भी बहुत से कारण
होते हैं जब मनुष्य जीवन से निराश हो जाता हैं और उसको संसार से एक विरक्ति सी होने
लगती हैं .प्रत्येक मनुष्य के जीवन में ये पल आते रहते हैं, कुछ लोग इस निराशा से जल्दी
बाहर निकल जाते हैं परन्तु कुछ तनाव में आ जाते हैं और आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते
हैं.
होम्योपैथी आत्महत्या के कुछ कारणों को तो दूर नही कर सकती हैं ,परन्तु
उस व्यक्ति को निराशा से बाहर निकाल कर आत्महत्या जैसे विचारो को अवश्य दूर कर उसका
जीवन बचा सकती हैं.
आप किसी व्यक्ति को आत्महत्या करने से रोक सकते हैं परन्तु उसके दिमाग
से आत्महत्या के विचार को दूर नहीं कर सकते हैं लेकिन होम्योपैथी किसी भी व्यक्ति के
आत्महत्या या कोई अपराध करने के विचारो को बदल सकती हैं.
जीवन से निराश हो कर मरना चाहे ----- आँरम-म॓ट
फांसी लगा कर मरना चाहे ----- नेट्रम - सल्फ
जहर खा कर मरना चाहे ---- चाइना
गोली मार कर मरना चाहे ---- एनाकाडि॔यम
पानी में डूब कर मरना चाहे ---- एटिंम-क्रुड़
ऊंचाई से कूद कर मरना चाहे
--- आर्जेटिकम- नाइट्रिकम
आधी रात को मरना चाहे --- आर्सेनिक -अल्बम्