Wednesday, September 9, 2015

कैंसर और होम्योपैथी

            कैंसर और होम्योपैथी








कैंसर नाम सुनते ही मन में डर बैठ जाता हैं, क्योकि कैंसर एक घातक रोग हैं लाखो लोग हर वर्ष कैंसर के कारण मौत के मुहं में चले जाते हैं कुछ इलाज न होने के कारण तो कुछ गलत इलाज के कारण, लेकिन सही समय पर इलाज से इसे ठीक किया जा सकता हैं  आईये जानने की कोशिश करते हैं कि कैंसर क्या हैं और किसको और कब होता है और इससे कैसे बचा जा सकता हैं.........






क्या है कैंसर .......




सामान्यत: हमारे शरीर में नई-नई कोशिकायो(cells) का हमेशा निर्माण होता रहता हैं, परन्तु कभी-कभी इन कोशिकायो(cells) की अनियंत्रित गति से वृद्धि होने लगती हैं और यही सेल्स जो अधिक मात्रा में होती हैं एक ट्यूमर के रूप में बन जाती हैं जो कैंसर कहलाता हैं इसे कार्सिनोमा(carcinoma),नियोप्लास्म (neoplasm) और मेलेगनंसी (malignancy) भी कहते हैं लगभग 100 प्रकार के कैंसर होते हैं, और सभी के लक्षण अलग-अलग होते हैं एक अंग में कैंसर होने पर ये दुसरे अंगो में भी फैलने लगता हैं सभी ट्यूमर कैंसर नहीं होते हैं




किसको होता हैं कैंसर ....



कैंसर किसी भी उम्र के लोगो को हो सकता हैं स्त्री, पुरुष, बच्चे किसी को भी हो सकता हैं





कैंसर की ग्रेड .....



ग्रेड द्वारा पता किया जाता हैं कि ट्यूमर सेल्स नार्मल सेल्स से कितनी   अलग  हैं कैंसर की ग्रेड निम्न प्रकार की होती हैं ...




ग्रेड 1....इसमें कैंसर सेल नार्मल सेल के समान दिखती हैं, और यह  धीरे-धीरे बढ़ता हैं


ग्रेड 2...इसमें भी नार्मल सेल के समान होता हैं, परन्तु यह बहुत तेजी से बढ़ती हैं


ग्रेड 3...इसमें कैंसर सेल बहुत तेजी से बढती हैं, और एब्नार्मल दिखती हैं 




कैंसर के प्रकार .....




कार्सिनोमा(CARCINOMA).....

सारकोमा(SARCOMA).....

लिंफोमा और मायलोमा (LYMPHOMA & MYELOMA)

ल्यूकेमिया(LEUKAEMIA)

ब्रेन और स्पाइनल कार्ड कैंसर (BRAIN & SPINALCORD CANCER)






 लक्षण.......



असामान्य गठान होना (tumour)

रक्त-स्त्राव (bleeding) होना

अत्यधिक दर्द होना

वजन घटना (बिना कारण के)

भूख  कम लगना

थकान होना

रात को बहुत पसीना आना

खून की कमी होना (anaemia)

खांसी आना

हड्डियों में दर्द होना

निगलने में तकलीफ होना

मुहं और गले के छाले जो ठीक न हो

यूरिन में तकलीफ होना, ब्लड आना

गले में खराश रहना

 

 

 

 

महिलायों के खास लक्षण जिन्हें अनदेखा न करे ....

 

 

ब्रैस्ट में किसी भी प्रकार का बदलाव आना निप्पल का अन्दर की और मुड़ना या निपल से  किसी प्रकार का डिस्चार्ज होना किसी भी प्रकार की गठान या scar होना थकान, ब्लीडिंग, बिना किसी कारण के वजन कम होना दर्द होना लिम्फ-नोड में बदलाव होना

 

   

 

कारण .....

 

 

होम्योपेथी के अनुसार कैंसर का कारण सोरा और सायकोटिक दोष होता हैं दुसरे कारण निम्न हो सकते हैं ...

 

 

तम्बाकू या पान मसाला के कारण 

शराब के कारण

मेहनत न करने के कारण

हेपेटाईटिस B और C के कारण

अनुवांशिक कारण

किसी प्रकार के इन्फेक्शन के कारण

किसी दवा के कारण

आधुनिक जीवन-शैली के कारण

 

 

 

 

होम्योपैथीक दवाए .....

 

 

होम्योपेथी से कैंसर को काफी हद तक ठीक किया जा सकता है यदि कैंसर जल्दी डायग्नोसिस हो जाए तो पूरी तरह से ठीक किया जा सकता हैं ये एक सस्ता और बिना किसी तकलीफ के रोग को ठीक करने वाला उपचार होता हैं होम्योपैथी में कैंसर के लिए बहुत सारी दवाए है, परन्तु जानकारी के लिए यहाँ पर कुछ दवायों के बारे में लिखा हैं जो कैंसर के लिए उपयोगी हैं चूँकि कैंसर एक घातक रोग होता हैं, अत: स्वयं चिकित्सा न करे किसी कुशल होम्योपैथ से ही इलाज कराये

 

 

 

 

कोनियम-मैक (CONIUM-MAC)......  

 

 

ट्यूमर पत्थर जैसा  कठोर होता हैं रात के समय सुई चुभने जैसा दर्द होता हैं ब्रैस्ट कैंसर और ब्रैस्ट ट्यूमर दोनों में उपयोगी  हैं टेस्टिकल (Testicle) और यूट्रस(uterus) बढ़ जाते हैं

 

   

 

आर्सेनिक-एल्बम(ARSENIC-ALBUM)......

 

 

 

यह होम्योपेथिक दवा कैंसर के लिए बहुत अच्छी होती है यह सीधे कैंसर की cells पर असर करती हैं यह कैंसर को आगे बढ़ने से रोकती हैं  रोगी को हमेशा डर लगता है कभी मरने का डर लगता है, कभी अकेले रहने का डर, कभी बीमारी का डर पेशेंट सोचता हैं की दवा खाना बेकार हैं आत्महत्या करने के विचार आते है अपने परिवार की बहुत ज्यादा चिंता रहती हैं उसे हर वक्त यही चिंता लगी रहती हैं, कि उसके बच्चो और परिवार को कुछ हो न जाए आर्स-अल्ब कैंसर रोगी के मन से डर को दूर करता हैं तम्बाखू, शराब से होने वाले नुकसान को आर्स-अल्ब ठीक करता हैं रोगी को बहुत बेचैनी रहती हैशरीर में जलन बहुत होती हैं ठंडक  से तकलीफ होती हैं शरीर में सुई चुभने जैसा दर्द होता हैं सांस की तकलीफ, खून की उल्टी होना अल्सर से बदबूदार स्त्राव होता हैं घाव सड़ने से आर्स-अल्ब बचाती हैं

 

 

 

थूजा (THUJA)......

 

 

 

किसी भी प्रकार के ट्यूमर के लिए थूजा बहुत ही उपयोगी दवा  हैं यह वेक्सिन से होने वाले दुश्प्रभावो को दूर करती है पेशेंट का बहुत तेजी से वजन कम होता जाता हैं पेशेंट बहुत ज्यादा इमोशनल होता हैं, यहाँ तक की म्यूजिक सुन कर ही रोने लगता हैं ट्यूमर में ऐसा दर्द होता है जैसे नाखून से नोचा जा रहा होट्यूमर से पस और ब्लड आता रहता हैं मस्से ,कारबंकल ,अल्सर,पोलिप ,सार्कोमा आदि में उपयोगी

 

 

 

फ़ायटोलक्का(PHYTOLACCA)......

 

 

 

ये ब्रैस्ट कैंसर या ब्रैस्ट ट्यूमर के लिए बहुत ही उपयोगी हैं ट्यूमर बहुत ही कठोर और बैगनी रंग का होता है और दर्द होता रहता हैं यूट्रस के फिब्रोइड के लिए भी बहुत उपयोगी दवा हैं दायीं ओवरी में दर्द होता हैं निप्पल पर दरारे(CRACKS)और अल्सर हो जाते हैं पीरियड्स के पहले ब्रैस्ट में तकलीफ होना

 

 

 

कोनडूरेनगो(CUNDURANGO) .....

 

 

 

यह पेट के कैंसर के लिए उपयोगी दवा हैं मुहं के चारो ओर दर्द भरी  दरारे (CRACKS)हो जाती हैं उल्टिया होती रहती हैं पेट में अल्सर हो जाते हैं जलन के साथ दर्द होता हैं कैंसर और ट्यूमर हो जाते हैं

 

 

                    

 

साईलीसिया(SILICEA).....

 

 

 

यह किसी भी प्रकार के फिब्रोइड, ट्यूमर या स्कार(SCAR) को ठीक करती हैं यह धीरे-धीरे अपना काम करती हैं  ट्यूमर से गाढ़ा बदबूदार  पस बहता रहता हैं पेशेंट बहुत ही ज्यादा नर्वस होता हैं नींद में चलने की आदत होती हैं  ये कैंसर के दर्द को कम करती हैं

 

 

 

 

हेक्ला-लावा (HECLA-LAVA).....

 

 

बोन कैंसर (OSTEOSARCOMA) में उपयोगी हैंजबड़े की हड्डी में तकलीफ सडे दांत के कारण पूरे चेहरे में दर्द होना

 

 

 

 

 

कैल्कैरिया-फ्लोर(CALCARIA-FLOR)....

 

 

ब्रैस्ट में होने वाली कठोर गांठे या ट्यूमर में उपयोगी यह दवा ट्यूमर को कैंसर में परिवर्तित होने से बचाती हैं



 

 

नोट - होम्योपथी में रोग के कारण को दूर कर के रोगी को ठीक किया जाता है। प्रत्येक रोगी की दवा उसकी शारीरिक और मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग होती है। अतः बिना चिकित्सकीय परामर्श यहां दी हुई किसी भी दवा का उपयोग न करें।

रोग और होम्योपथी दवा के बारे में और अधिक जानकारी के लिए यहां लॉग इन कर सकते हैं।