Thursday, March 28, 2013

होम्योपेथी और क़ब्ज



             
                   


                                         
                                             (www.drneetisclinic.com)
 





                                         होम्योपेथी और क़ब्ज






 

कब्ज होता क्या है --- - खाने की वस्तुए ठीक प्रकार से ना पचने को कब्ज़
कहा  जाता है इसे अजीर्ण या मंदागिनी भी कहते है


लक्षण---

1) भू   नही  लगना या कम लगना
2)पेट फूलना , पेट ठीक से साफ़ ना होना
 3) मिचली या उलटी आना
4)डकारे  आना
5)मुहँ  में बार बार खट्टा पानी आना
6) जीभ पर सफ़ेद मैल जमना
7) मुहँ  से बदबू आना
8)खाना खाते ही पेट में दर्द या भारीपन होना
9)छाती या पेट में जलन होना
10)सिरदर्द होना
11)बार बार मल त्यागने की इक्छा  हो 


कारण -----यह रोग धीरे धीरे अनजाने में पैदा होता है .यदि किसी दूसरे रोग से इसका संबन्ध ना हो तो इस्सके ख़ास कारण इस प्रकार हो सकते है ......
1) अधिक मात्रा  में चाय कॉफ़ी या तली चीजो का सेवन करना
2)कम या ज्यादा मात्रा में भोजन करना
3)गरिस्ट  या देर से पचने वाली वस्तुयों का प्रयोग करना
4)तेज मिर्च मसाले युक्त भोजन करना
5)मैदा या मिलावटी आटे का प्रयोग करना
6)कम पानी पीना
7)भोजन में फाइबर की मात्रा कम होना
8)शराब ,तम्बाकू का सेवन करना
9)एंटीबायोटिक्स खाना
10)आंतों की कमजोरी 
11)देर रात तक जागना
12)ट्यूमर  या पोलिप
13)गर्भावस्था
14) लीवर की कमजोरी
15) हर्निया रोग होना
16) मानसिक अवसाद होना या दिमागी परेशानी  होना
17) समय से भोजन नहीं करना 


होम्योपैथिक दवाए ----  


1) एंटिम -क्रूड ----ऐसा कब्ज जो अधिक भोजन के कारण हो ,खायी वस्तुयों की ड़कारे आये ,खाना खाते ही मिचली ,छाती में जलन हो ,पेट    फूले ,पेट में जलन हो साथ ही खट्टी चीजे खाने का मन हो .



2)ब्रायोनिया --- गर्मियों के दिन होने वाला कब्ज, भोजन के  बाद ही मिचली ,खट्टी बदबूदार डाकरे आना ,मुहँ में सूखापन लगना , मुहं से बदबू आना , कठोर मल होना . 


3)कार्बो - वेज ---बूढों का कब्ज ,नाभि के ऊपर पेट में  गैस होना ,दूध पीने से पेट में गैस बनना ,साधारण भोजन भी हजम हो ,पेट की खराबी से सिरदर्द हो .


4) लायकोपोडियम --भूख नहीं लगे ,एक या दो कौर खाते ही पेट भर जाए,  पेट में  से  गुड गुड की आवाज आये ,नाभि के निचले हिस्से में गैस हो मीठा खाने का मन हो ,पेट में भारीपन लगे ,खट्टी डकारे आये खाना खाने के बाद कमजोरी लगे .



5)नक्सवोमिका ---अधिक चटपटी ,मसालेदार चीजे खाने या उत्तेजक पदार्थ जैसे शराब आदि के सेवन से कब्ज हो .भोजन के एक घंटे बाद पेट में दर्द हो ,बार बार मल त्यागने के लिए जाना पडे ,देर रात तक जागने के कारण होने वाला कब्ज ,बार बार मल त्यागने की इच्छा हो परन्तु पेट पूरी तरह से साफ़ हो ,उलटी करने का मन हो परन्तु कर सके ,मानसिक कार्य अधिक और शारीरिक कार्य कम करने वालो का कब्ज ,अत्याधिक भूख .


6) नेट्रंम --म्यूर --- मुहं का स्वाद नमकीन ,पेट दर्द ,मुहं में बार बार पानी आना 


 नोट- होम्योपैथी में रोग के कारण को दूर करके रोगी को ठीक किया जाता है। प्रत्येक रोगी की दवा उसकी शारीरिक और मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग होती है। अतः बिना चिकित्सकीय परामर्श यहां दी हुई किसी भी दवा का उपयोग करें।


Saturday, February 2, 2013

जब एक्ज़िमा से कीड़े निकले

५/७/२०११ को मेरे क्लिनिक मे ७३ साल के एक मरीज आये ,जिन्हे ४० वर्शो से एग्जीमा की तकलीफ थी ,जो कि दोनो पैरो मे और हाथो मे था. दोनो हाथो और पैर के नाखुन भी खराब हो चुके थे .वे बहुत ईलाज कर चुके थे यंहा तक कि उन्होने अपने दोनो पैर भी गर्म पानी से जला लिये थे जिस से पैरो मे घाव बन गये थे .वे खुजली और दर्द से बेहद परेशान थे एग्जीमा से लगातार पानी बहता था .एग्जीमा के साथ साथ उनको डायबीटिज और आस्थमा भी था, एग्जीमा का ईलाज शुरु किया मगर कुछ दिनो तक कोई भी दवा का असर नही दिखा ,फिर ५/६ दिन बाद उनके पैरो सुजन आ गई जो दवा देने पर बिल्कुल हो ठीक गयी मगर उनकी खुजली ठीक होने नाम ही नही ले रही का थी उन्होने वापिस से दुसरा ईलाज शुरु कर दिया परन्तु उस ईलाज का असर कुछ दिन ही रहा तत्पश्चात उनका रोग फिर से उभरने लगा, २ महिने बाद वे मेरे पास फिर से आये तब मैने उनका फिर से ईलाज शुरु किया ,कुछ दिनो के ईलाज के बाद उनकी खुजली काफी कम हुई और स्किन भी नोर्मल होने लगी ,परन्तु पैर मे जिस स्थान पर घाव था उसमे काफी दर्द था जिस पर मैने होम्योपैथिक दवा लगाई, दवा लगाने के कुछ देर बाद ही उस घाव से इल्लिनुमा कीडे निकलने लगे, जिनको चिमटी की सहायता बाहर निकाला तो 45 कीडै निकलै उसके बाद उनको कुछ खाने और लगाने को दवाई दी,उनके नाख़ून पूर्णत: ठीक हो गये और स्किन भी काफ़ी हद तक नॉर्मल होने लगी थी ,साथ ही उनका अस्थमा और शुगर भी काफ़ी कंट्रोल मे है अभी भी उनका उपचार चल रहा है और पूर्णत: ठीक होने मे कुछ महीने और लगेगे .