Thursday, August 13, 2009

स्वाईन-फ्लू (एच 1 एन 1) और होम्योपेथी –


स्वाईन-फ्लू (एच 1 एन 1) और होम्योपेथी
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स्वाईन-फ्लू (एच 1 एन 1)—

स्वाईन-फ्लू एक वाइरस के द्वारा होने वाला संक्रमण है .यह स्पर्श द्वारा बहुत ही तेजी से फैलने वाला संक्रमण हैऔर यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलती है .स्वाईन-फ्लू का वाइरस सुअर से मनुष्य में आया है औरअब यह एक मनुष्य से दूसरे मनुष्य में तेजी से फ़ैल रहा है .इससे एच 1 एन 1 फ्लू ,पिग फ्लू ,होग फ्लू ,स्वाईन-इन्फ़्लुएन्ज़ा भी कहते है .सबसे पहले स्वाईन-फ्लू का अप्रैल 2009 में यूनाइटेड -स्टेट में पता चला था


लक्षण-स्वाईन-फ्लू के लक्षण सामान्य फ्लू के सामान ही होते है जैसे -
.
1) बुखार
2) खांसी
3) गले में दर्द
4) नाक से पानी बहना
5) शरीर में दर्द होना
6) ठण्ड लगना
7) सिरदर्द होना
8) थकान महसूस होना
9) भूख नहीं लगना
10) कुछ लोगो में दस्त और उल्टी भी हो सकती है


इसके अलावा भी कुछ और लक्षण हो सकते है जैसे
बच्चो में

1) साँस लेने में तकलीफ
2) उल्टी होना
3) बुखार के साथ रेसेस होना

बडो (adult) में

1) साँस लेने में तकलीफ
2) सीने या पेट में दवाब
3) थकान
4) कमजोरी


कैसे फैलता है स्वाईन-फ्लू-- स्वाईन-फ्लूएक सामान्य फ्लू की तरह ही फैलता है जैसे –

1) संक्रमित व्यक्ति की खांसी या छीक से
2) स्वाईन-फ्लू से संक्रमित व्यक्ति की चीजो को छूने से


किसको ज्यादा खतरा है एच 1 एन से

1) गर्भवती महिलायों को
2) एक साल से कम उम्र के बच्चो को
3) 65 से अधिक उम्र के लोगो को
4) हार्ट के रोगी को
5) एच आई वी से पीड़ित व्यक्ति को
6) बहुत लम्बे समय से किसी रोग से पीड़ित व्यक्ति को जिसका इम्यून सिस्टम कमजोर हो गया हो (in chronic disease)
7) हॉस्पिटल में काम करने वाले डॉक्टर, नर्से और अन्य कर्मचारी


कैसे बचे स्वाईन-फ्लू से

1) खांसते या छीकते समय नाक व मुहं पर टीसु -पेपर रखे और बाद में ठीक से कचरा पेटी में डाले
2) खांसने या छीकने के बाद हांथ साबुन से धोये
3) संक्रमित व्यक्ति को छूने के बाद अपने आँख, मुहं और नाक को न छुए क्योकि इनसे संक्रमण जल्दी फैलता है
4) स्वाईन-फ्लू से संक्रामित व्यक्ति से दूरी बना कर रखे
5) अगर आप स्वाईन-फ्लू से संक्रामित है तो स्कूल या ऑफिस न जा कर घर पर ही रहे




होम्योपैथिक दवाए-


1) आर्सेनिक -एल्बम 30 /200 -- यह दवा रोग के शुरुआत में उपयोगी है .मॉस खाने के कारण होने वाले रोग ,साँस लेने में तकलीफ, नाक से पतला पानी जैसा बहे ,आँखों में जलन हो, तेज ज्वर के साथ बैचनी ,कमजोरी लगे ,बुखार कभी ठीक हो जाता है कभी फिर से हो जाता है ,बहुत तेज प्यास लगती है (यह दवा रात को नहीं खाए )



2) एकोनाएट (Aconite)30 --अचानक से और तीव्र गति से होने वाला बुखार ,जिसमे बहुत ज्यादा शारीरिक व मानसिक बैचनी होती है ,बहुत ज्यादा छीके आना ,आँखे लाल सूजी हुई, गले में दर्द व जलन .(इस दवा को रात को नहीं खाए)



3) नक्स -वोमिका (nux-vomica)200 --डॉक्टर हेनीमन (father of homoeopathy )के अनुसार इन्फ़्लुएन्ज़ा में यह प्रमुख दवा है .शक्तिकृत नक्स -वोमिका की एक खुराक देने से कुछ ही घंटो में रोग समाप्त हो जाता है .डॉक्टर यूनान के अनुसार इन्फ़्लुएन्ज़ा में अगर कोई प्रतिरोधक दवा है तो वह नक्स -वोमिका ही है .रोगी को बहुत ठण्ड लगती है ,कितनी भी गर्मी पहुचाई जाए ठण्ड नहीं जाती है ,शरीर में दर्द , सर्दी जुकाम ,दिन में नाक से पानी बहता है और रात को नाक बंद हो जाती है ,खासी के साथ छाती में दवाब ,साँस लेने में तकलीफ , खाँसी के कारण सिरदर्द ,आँखों से पानी गिरना



4) जेल्सिमियम( Gelsemium)30 --सारे शरीर में दर्द रहता है ,रोगी नींद जैसी हालत में पड़ा रहता है ,सिरदर्द ,खांसी ,जुकाम ,आँखों में दर्द ,सिर के पिछले भाग में दर्द ,सिरदर्द के साथ गर्दन व कंधे में दर्द ,छीके ,गले में निगलने में दर्द ,बुखार में बहुत ज्यादा कांपता है प्यास बिलकुल नहीं लगती है ,चक्कर आते है



5) ब्रायोनिया (Broynia )30 --प्यास बहुत ज्यादा लगती है ,सारे शरीर के मसल्स में दर्द जो की हिलने -डुलने से बढता है और आराम करने से ठीक होता है सिरदर्द के साथ पसलियों में दर्द ,सूखी खांसी ,उल्टी के साथ छाती में दर्द,चिडचिडा ,गले में दर्द ,बलगम रक्त के रंग का होता है.



6) बेपटीसिया (Baptisia) 30 -- धीमा बुखार ,मसल्स में बहुत ज्यादा दर्द ,सांस ,पेशाब ,पसीना आदी सभी स्त्राव से बहुत ज्यादा दुर्गन्ध आती है ,महामारी के रूप में फैलने वाला इन्फ़्लुएन्ज़ा ,लगता है की शरीर टूट गया है ,बडबडाता है ,बात करते करते सो जाता है ,मुहं में कड़वा स्वाद ,गले में खराश ,दम घुट जाने जैसा लगे ,कमजोरी बहुत ज्यादा लगे



7) सेबेडिला (sabadilla) 30 --सर्दी जुकाम ,चक्कर बहुत ज्यादा छीके ,नींद नहीं आती है, आँखे लाल व जलन करती है ,नाक से पतला बहता पानी ,सर्दी के कारण सुनने में तकलीफ ,गले में बहुत ज्यादा दर्द ,गरम चीजे खाने-पीने से आराम ,सूखी खाँसी



8) एलियम -सीपा (Allium -cepa)30 --नाक से तीखा स्त्राव ,माथे में दर्द ,आँखे बहुत ज्यादा लाल व पानी गिरता है ,पलकों में जलन ,कान में दर्द ,छीके, नाक से बहुत ज्यादा पानी आता है ,गले में दर्द ,जोड़ो में दर्द होता है



9) युपटोरियम-पर्फोलियम (Euptorium -perfoliamtum )--इन्फ़्लुएन्ज़ा के साथ सारे मसल्स व हड्डियों में दर्द ,छीके ,गले व छाती में दर्द ,बलगमयुक्त खाँसी , सुबह 7 से 9 बजे ठण्ड लगती है



प्रतिरोधक दवा 1) थूजा (THUJA)200 सप्ताह में एक बार

2) जेल्सिमियम( GELSEMIUM )30 प्रतिदिन

3) नक्स -वोमिका ( NUX-VOMICA )200 प्रतिदिन

4) इन्फ़्लुएन्ज़िउम (INFLUENZIUM ) 200 (single dose )

5) आर्सेनिक एल्बम (ARS-ALB)200 प्रतिदिन


कृपया किसी भी दवा को लेने से पहले मुझसे या किसी अच्छे होम्योपैथिक डॉक्टर से कंसल्ट कर ले या कोई सवाल हो तो मेल करे


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Saturday, August 8, 2009

BAD EFFECTS OF CHAIR JOBS

BAD EFFECTS OF CHAIR JOBS




In current time approximately 90% jobs are of sitting type / chair jobs. In this situation, individual have to sit continuously 8- 10 hrs per day. However, it is a fact that individual, who are involved in sitting job, should walk for 5 mins in each 1 hr but as we know its not possible in job.
As a result, people of all age groups, who are doing sitting job suffered from such kind of physical problems like –



  • Obesity (Especially fat deposition on stomach / Belly)
  • Pain in waist and neck.
  • Digestive problems.
  • Swelling in legs
  • Depression.



Usually folk think that if we will do exercise or morning walk so we can easily remove this problem but in today’s hectic schedule it is very tough to find time regularly for exercise or morning walk.

Hence frustrated individual thinks what should I do for that?


My main objective is to wrote this article just for the same. How can we solve this problem by homoeopathy?

However they are not disease but problems starts from here and very soon this ordinary problem turns into disease. Here, I have discussed the bad effects of chair jobs and their homoeopathic treatment –




• Obesity –


It is a very common problem found in sitting job people. It is not a disease but it is a root cause of various diseases. Usually Obesity is different in Male and Female because both have different physical structure. If male and female employees works same condition and same time then obesity may be different in both.


• Obesity in Male – Deterioration of body posture, Belly.


• Obesity in Female – Enlargement or fat deposition on waist and hips region, fat deposition on belly.


For male obesity – Medicines are as above mentioned –

Phytolacca Berry , Nux-vomica

For female obesity - Medicines are as above mentioned –

Nat-mur, Antim-crud



• Pain in waist and neck region –


It is most common but most painful symptom found in chair job employees. It appears in the form of some common symptoms like Stiffness of waist and neck due to long sitting, Pain in vertebral column and hip region etc. Its homoeopathic medicines are below mentioned


Rhus-tox ,Hypericum ,Cimicifuga etc.



Digestive Problems –


Because of long sitting mostly digestive problems occurs like stomach swelling, vomiting, sour water in mouth, pain in abdomen , chest burning and commonly constipation or loose motion.
For this we can use such homoeopathic medicines which are miraculous for all digestive problems –

Nux-vomica , Antim-crud , Lycopodium , Capsicum etc.



• Mental Irritation / Depression –


It is very badly occupies the employee. It is not only the problem of sitting job holders but it is commonly found in each 5% individuals. Sometimes today’s life style, hectic work schedule, stress, fear of job security, stress about career etc reasons are also responsible for the causation of Depression.
Some very simple symptoms of depression are as –



  • Irritation / Irritating behavior
  • Anger on each and every thing.
  • Feeling of cry.
  • Lack of concentration.
  • Feeling sad, no desire to talk anybody
  • Lack of thirst and hunger.


Besides that common symptoms, most of the time some different symptoms are also found during depression –


Feeling to kill the boss in anger – Hepar sulph

• Tension / Depression due to weak financial condition - Nat-mur

Throw the things when getting anger Staphy

Sleeplessness or broken sleeping - Coffea, Thuja


When depression turns serious then individual feel like to commit suicide hence its some common medicines are as follows –


Chamomila ,Coca , Ars –alb etc.



• Swelling in legs –


Because of long hour sitting not only back pain occur but swelling in legs also find because of blood circulation disturbance. This problem is mostly found in females instead of males. Its homoeopathic medicines are available but first we have to find out the exact reason of leg swelling. Such as –



Pulsatilla ,Lycopodium ,Calc-flor etc.



• NOTE – Kindly do not use any medicine without consultation because all medicines have different potency. Besides this patient’s other symptoms are also important.

For any query, you can contact me @ -



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