पसीने के प्रकार और होम्योपैथी
गर्मी शुरू होते ही सभी को पसीने से परेशानी होने लगती हैं। कभी
पसीने की बदबू आती हैं, तो कभी पसीने के कारण जलन होती हैं, कभी कपड़ो पर दाग पड
जाते हैं। गर्मी में तो ये साधारण बात हैं, परन्तु कुछ
लोगो को हमेशा पसीने की तकलीफ होती हैं। वैसे पसीना आना शरीर की एक स्वाभाविक क्रिया हैं। जिससे
शरीर का न सिर्फ तापमान नियंत्रित रहता हैं बल्कि शरीर की गंदगी भी दूर होती हैं। लेकिन जब
ये जरुरत से ज्यादा आये या उसके कारण परेशानी बढ़ने लगे तो उसका उपचार कराना आवश्यक
होता हैं। पसीना भी कई प्रकार का होता हैं। आईये
देखते हैं कि पसीना किस-किस प्रकार का होता हैं ...
गंध के आधार पर पसीने के प्रकार .....
गर्मी में पसीने की बदबू से बहुत लोग परेशान होते हैं। लेकिन
कुछ लोगो को यह परेशानी हर वक्त रहती हैं चाहे कोई भी मौसम हो। पसीने
में भी कई प्रकार की गंध होती हैं, जो अलग-अलग लोगो में अलग-अलग प्रकार की होती
हैं जैसे .....
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खट्टी
गंध वाला पसीना।
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शहद की
गंध जैसा पसीना।
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प्याज
की गंध जैसा पसीना।
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मीठी
गंध वाला पसीना।
अंग के आधार पर पसीने के प्रकार .....
देखा जाए तो अधिकतर लोगो को पूरे शरीर में पसीना आता हैं। परन्तु
कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जिन्हें शरीर के किसी खास भाग में ही पसीना आता हैं जैसे
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सिर्फ
सिर में पसीना आता हैं। (यहाँ तक की तकिया तक गीला हो जाता हैं)
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सिर्फ
माथे पर पसीना आता हैं।
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सिर्फ
चेहरे पर पसीना आता हैं।
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सिर्फ
नाक पर पसीना आता हैं।
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सिर्फ
बगल में पसीना आता हैं।
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सिर्फ
पेट या पीठ पर पसीना आता हैं।
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सिर्फ
गर्दन पर पसीना आता हैं।
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सिर्फ
हथेलियों या तलुवे में पसीना आता हैं।
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सिर को
छोड़ सारे शरीर में पसीना।
इसके अलावा कुछ लोगो को कुछ खास समय ही पसीना आता हैं। जैसे
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सिर्फ
सोते समय ही पसीना आए।
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जिस करवट
लेते उसके दूसरी साइड पसीना आए।
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सो कर
उठते ही पसीना आए।
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सिर्फ चलते
समय ही पसीना आए।
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रात-दिन
पसीना बहे।
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सिर्फ
खाना खाते समय ही पसीना आए।
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नहा कर
आते ही पसीना आए।
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जरा सी
मेहनत करते ही पसीना बहे।
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किसी रोग
के बाद पसीना ज्यादा आए।
होम्योपैथिक उपचार .....
होम्योपैथिक दवाइयो द्वारा पसीने से होने वाली इन परेशानियों को ना
सिर्फ कम किया जा सकता हैं, बल्कि हमेशा के लिए ठीक किया जा सकता हैं।
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सिर में
इतना पसीना आये कि तकिया तक गीला हो जाये.....
केल्करिया-कार्ब(Calc-Carb)
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पसीने
में बहुत बदबू आये .... पेट्रोलियम(Petroleum),साईलीसिया(Silicea),स्टेफीसेग्रिया(Staphy)
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माथे और
चेहरे पर ठंडा पसीना आये ...
वेरेट्रम-एल्बम(Verat-Album),बेन्जोइक-एसिड(Benz-Acid)
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नाक पर
पसीना आये ......
चाईना(China)
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बगल में
पसीना आये ......
पेट्रोलियम(Petroleum),बोविस्टा(Bovista)
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हथेलियों
में पसीना बहुत आये .....
केल्करिया-कार्ब(Calc-Carb),कासटीकम(Causticum)
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पैरो
में पसीना आये .....
पेट्रोलियम(Petroleum)
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प्याज
की गंध वाला पसीना ....
बोविस्टा(Bovista)
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पीले
दाग छोड़ने वाला पसीना .....
मर्क-सोल(Merc-Sol),काली-बायक्रोमेट(Kali-Bitch)
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खाना
खाते समय पसीना आये ....
केल्करिया-कार्ब(Calc-Carb)
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सिर को
छोड़ कर सारे शरीर में पसीना आये ....
रस-टोक्स(Rhus-Tox)
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बदबूदार
पसीने के कारण सिर,माथा,गला,मुहं सब भींग जाते हैं.....
साईलीसिया(Silicea)
पसीना आना स्वाथ्य के लिए लाभदायक होता हैं। परन्तु
जरुरत से ज्यादा पसीना आना लाभदायक नहीं होता हैं। उसी
प्रकार पसीना रुक जाने से भी स्वाथ्य में हानि होती ।हैं
जैसे ....
पसीना रुक जाने से बुखार, जुकाम,दस्त,सुजन,गले में तकलीफ,शीत-पित्त आदि
हो सकते हैं। इसके अलावा पसीने को डिओडोरेंट आदि
लगा कर रोकने से फोड़े तक हो सकते हैं।
नोट- होम्योपैथी में रोग के कारण को दूर करके रोगी को ठीक किया जाता है। प्रत्येक रोगी की दवा उसकी शारीरिक और मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग होती है। अतः बिना चिकित्सकीय
परामर्श यहां दी हुई किसी भी दवा का उपयोग न करें। रोग और होम्योपैथी दवा के बारे में और अधिक जानकारी के लिए यहां लॉग इन कर सकते हैं।