रक्तस्त्राव
यानी शरीर के किसी भाग से खून निकलना। कई बार हॉस्पिटल ले जाने तक अधिक ब्लीडिंग हो
जाने के कारण बहुत से लोग असमय मौत के मुहं में समा जाते हैं। यदि उन्हें समय पर मेडिसिन दी जाए तो बहुत सी
जिन्दगी बचायी जा सकती हैं। अक्सर बहुत से लोग खून देखते ही घबरा  जाते हैं। लेकिन घबराने की जरुरत नहीं हैं, क्योकि
होम्योपैथी  में बहुत सी ऐसी दवाईयाँ होती
हैं जिन्हें यदि रोगी को 5-5 मिनट के अन्तर से लगायी और खिलाई जाए तो ब्लीडिंग को
तुरंत रोका जा सकता है, और उस व्यक्ति की जान बचायी जा सकती हैं।   
रक्तस्त्राव के कारण .....
रक्तस्त्राव के कई
कारण होते हैं जैसे .....
1)      चोट या एक्सीडेंट के कारण ब्लीडिंग होना।  
2)      नकसीर यानी नाक 
से  खून  आना।   
3)      दांत निकलवाने के बाद ब्लीडिंग  होना।   
4)      खून की उल्टी होना।   
5)      पेचिश (Dysentry) में खून जाना।   
6)      पीरियड्स में अधिक रक्तस्त्राव होना।    
7)      बलगम (cough) में खून आना।  
8)      बबासीर (piles) में ब्लीडिंग होना।   
9)      पेशाब (Urine) में खून आना।   
10)  टी.बी.में फेफड़ों (Lungs) से ब्लीडिंग होना।   
11)  गर्भावास्था में ब्लीडिंग होना।  
होम्योपैथिक मेडिसिन ......ऐसे तो होम्योपैथी में बहुत सारी दवाईयां
रक्तस्त्राव रोकने के लिए होती है।  जिनमे
से कुछ के बारे में मैं जानकारी दे रही हूँ, ताकि उसे दे कर
किसी की जान बचायी जा सके.....
केलेंडुला (Calendula)..... 
कहीं भी कटने, चोट लगने या घाव पर इसे लगाया जाये तो ब्लीडिंग तुरंत
रुक जाती हैं। यह
किसी भी प्रकार के घाव को बहुत तेजी से भरती हैं। 
आर्निका (Arnica).....
यह ब्लड केपीलरिस (Blood-capillaris) पर  असर करती हैं। एक्सीडेंट,
चोट, घाव आदि से ब्लीडिंग होने पर यदि इस दवा को
(Arnica 30) को यदि 5-5 मिनट के अंतर से खाने को दे तो ब्लीडिंग तुरंत रुक जाती
हैं, साथ ही दर्द भी कम
होता हैं। शरीर
में जगह-जगह काले-नीले निशान हो जाते हैं।
मिलेफोलियम(Millefolium)....
रक्त शरीर में कही से भी निकलता हो, चाहे वो नाक, मुहं, बलगम,
पीरियड्स, पेशाब, मल या किसी चोट या घाव से हो यदि रक्त का रंग लाल चमकदार है, तो
इसे खाने को देने से ब्लीडिंग तुरंत रुक जाती हैं।
हेमामेलिस (Hamamelis).....
यदि शरीर के किसी भी स्थान से काले या गहरे रंग का रक्त निकलता है, तो
इसका प्रयोग करना उचित होता हैं। पेचिस, पाईल्स, पेशाब, पीरियड्स आदि में यदि
गहरे काले रंग का रक्त निकलता है, तो इसको खाने से ब्लीडिंग रुक जाती हैं। 
इपिकेक (Ipecac)..... 
हल्का लाल रंग का रक्त या चमकदार लाल रक्त शरीर के किसी भी भाग से जा
रहा हो, उसे ये दवा तुरंत रोकती हैं। रोगी को उल्टी आती है या जी मिचलाता हैं।
खांसी
के साथ खून आता हैं। नाक से खून जाता हैं।
ट्रिलियम
(Trillium)....
दस्त के साथ खून जाता हैं।
नाक
से, दांत से, पीरियड्स में, डिलेवरी (प्रसव) के बाद ब्लीडिंग होने पर इसे देने से रक्तस्त्राव  रुक जाता हैं। दांत
निकलवाने से ब्लीडिंग होने पर इसे (Trillium Q) लगाने से ब्लीडिंग रुक जाती हैं।
नाइट्रिक-एसिड
(Nitric-Acid).....
धमनी और केशिकायो(
Arteries & Capillaries) से ब्लीडिंग होती हैं।
कमरदर्द
के साथ यूट्रस (Utrus) से ब्लीडिंग होती हैं। किसी
भी प्रकार के अल्सर, मस्से आदि से ब्लीडिंग होना, piles में खून जाना।
नोट-  होम्योपैथी में 
रोग  के  कारण  को
 दूर  करके  रोगी को  ठीक  किया  जाता  है।  प्रत्येक  रोगी  की  दवा, उसकी पोटेंसी,डोज आदि  उसकी शारीरिक  और मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग  होती
हैं। अतः बिना चिकित्सकीय परामर्श यहां दी  हुई किसी भी दवा का उपयोग न करें।  रोग और होम्योपैथी दवा के बारे में  और
अधिक जानकारी के लिए यहां लॉग इन  कर सकते हैं।

 
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