Monday, July 6, 2009

चेयर जॉब के दुष्प्रभाव





चेयर जॉब के दुष्प्रभाव




वर्तमान समय में लगभग 90% नौकरी कुर्सी पर बैठ कर करने वाली है ,ऐसी स्थिति में कर्मचारी को ना चाहते हुए भी 8 से 12 घंटे प्रतिदिन कुर्सी पर बैठना पड़ता है.ऐसा माना जाता है कि कुर्सी पर बैठ कर नौकरी करने वालो को प्रति एक घंटे के बाद उठ कर पांच मिनिट टहल लेना चाहिए लेकिन नौकरी में ऐसा संभव नहीं है ,नतीजा यह निकलता है लगातार 8 से 10 घंटे कुर्सी पर बैठे रहने के कारण समस्त आयु वर्ग के लोग कुछ विशेष प्रकार की शारीरिक समस्याओ से ग्रसित हो जाते है .जैसे



1) मोटापा (खास करके पेट पर चर्बी चढ़ना)
2)
कमर व गर्दन में दर्द होना .
3)
पाचन से सम्बंधित समस्याए
4)
पैरो में सूजन
5)
मानसिक अवसाद (depression)

प्राय:लोग यह सोचते है की सुबह घूमने से या कसरत करने से ये समस्याए स्वत: सुलझ जायेगी किन्तु इन सब चीजो के लिए समय निकल पाना आज की अति व्यस्त जिन्दगी में लगभग असंभव हैं.ऐसी स्थिति में इंसान सोचता है कि मैं कैसे इन समस्यायों से निजात पाऊ ? लोगो की इन्हीं समस्यायों को सुलझाने की नजरिये से मैंने यह लेख लिखा है क्योकि ये समस्याए सुनने में साधारण लगती है लेकिन वास्तव में गंभीर रोगों की जड़ इन समस्यायों से ही शुरू होती है.
यहाँ कुर्सी पर बैठने की नौकरी से सम्बंधित बीमारियों तथा उनके होम्योपैथिक उपचार पर चर्चा की गयी हैं


.

1) मोटापा ...यह कुर्सी पर लगातार बैठ कर नौकरी करने वालो में सर्वाधिक पायी जाने वाली समस्या हैं जो स्वयं एक बीमारी नहीं हैं लेकिन अनेक बिमारियों की जड़ हैं .मोटापा स्त्री व पुरुष में अलग अलग प्रकार से देखने को मिलता हैं क्योकि उनकी शारीरिक रचना अलग अलग होती हैं .यद्यपि स्त्री व पुरुष समान घंटो तक समान कार्य करे तब भी उनमे मोटापे का भिन्न भिन्न स्वरुप देखने को मिलता है .


1) पुरुषों का मोटापा --
लक्षण-- शरीर का बेडोल होना ,पेट पर चर्बी चढ़ना .
2) स्त्रियों का मोटापा --
लक्षण-- कमर चौडी होना ,पेट पर चर्बी चढ़ना ,नितम्ब भाग का चौडा होना .
अत:शारीरिक बनावट को ध्यान में रखते हुए स्त्रियों व पुरुषों के मोटापे के लिए अलग अलग दवाए हैं .जैसे --

2) पुरुषों का मोटापा -- Phytolacca Berry Nux-vomica

3) स्त्रियों का मोटापा - Nat-mur, Antim-crud


4) कमर में दर्द व गर्दन में दर्द होना -- कुर्सी पर बैठ कर नौकरी करने वालो में सबसे आम लेकिन बेहद तकलीफ देह समस्यायों में से एक यह हैं. इसमें लगातार कुर्सी पर बैठने के कारण कमर अकड जाए ,गर्दन में दर्द व अकडन,कंधो में दर्द ,रीढ़ की हड्डी में दर्द होना , नितम्ब भाग में दर्द होना आदि लक्षण रहते है इनकी होम्योपैथिक दवाए निम्न हैं ...
, Rhus-tox ,Hypericum ,Cimicifuga आदि



5) पाचन सम्बन्धी समस्याएँ --लगातार बैठे रहने के कारण खाना ठीक से हजम नहीं हो पता है जिसके कारण कई प्रकार की समस्याएँ खड़ी हो जाती है जैसे ,पेट फूलना ,डकारे आना ,उल्टी होना या मिचली आना , मुहं में खट्टा पानी आना ,खाते ही पेट में दर्द या भारीपन होना ,पेट या सीने में जलन होना ,कभी दस्त और कभी कब्ज होना आदि लक्षण रहते है .इसके अलावा अधिक मात्रा में चाय काफी लेना ,देर रात तक जागना ,सिगरेट गुटका आदि के कारण भी पाचन सम्बन्धी समस्याएँ होती है यहाँ पर कुछ होम्योपैथिक दवाइया दी गयी है जिनसे इन समस्यायों से हमेशा के लिए निजात पाया जा सकता है

Nux-vomica , Antim-crud , Lycopodium , Capsicum आदि जिन्हें रोगी के लक्षण देख कर दिया जाता है



6) मानसिक अवसाद (depression)-- आज की भागमभाग भरी जिंदगी, तनावपूर्ण जीवनशैली, नौकरी छूटने की चिंता आदि अनेक बाते डिप्रेशन को जन्म देती है ,जिसके लक्षण निम्न होते है ....
1) चिड -चिड करना
2) बात बात पर गुस्सा आना
3) रोने का मन करना
4) किसी काम में मन नहीं लगना
5) गुमसुम रहना ,किसी से बात करने का मन नहीं होना
6) भूख प्यास नहीं लगना


उपरोक्त सामान्य लक्षण के अलावा कुछ विशिष्ट लक्षण भी डिप्रेशन के शिकार व्यक्ति में देखे जा सकते हैं -


१) गुस्से में बॉस को मारने का मन करे Hepar sulph
२) आर्थिक स्थिति के कारण उत्पन्न होनेवाला तनाव Nat-mur
३) गुस्से में चीज़ें फेंके Staphy
४) नींद ना आना / बार-२ नींद टूटना Coffea, Thuja



जब मानसिक अवसाद गंभीर अवस्था में आ जाता हैं तो आत्महत्या करने के विचार मन में प्रबल होने लगते है . मानसिक अवसाद की कुछ सामान्य होम्योपैथिक दवाइया --Chamomila ,Coca , Ars -alb आदि


5) पैरो में सूजन --लम्बे समय तक कुर्सी पर बैठने से कमर दर्द तो होता ही है साथ ही पैरो में रक्त प्रवाह रुकने के कारण सूजन भी आने लगती है ख़ास कर महिलायों में ये समस्या आम है पैरो में सूजन की कुछ होम्योपैथिक दवाइया लक्षणके अनुसार दी जा सकती है लेकिन पहले सूजन का कारण जानना जरुरी है --Pulsatilla ,Lycopodium ,Calc-flor आदि

नोट - कृपया किसी भी दवाई का सेवन होम्योपैथिक डॉक्टर की सलाह के बिना ना करें क्योंकि सभी दवाओं की potency अलग- अलग होती है, इसके अतिरिक्त रोगी / व्यक्ति के अन्य शारीरिक व् मानसिक लक्षण भी अत्यधिक महत्व रखते हैं.

3 comments:

  1. आभार जानकारी के लिए.

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  2. atyant umda aur upyogi jaankaari.

    dhnyavaad !

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  3. आपने केवल सुन्दर जानकारी ही नहीं दी बल्कि होमियोपैथी की क्षमताओं को भी बखूबी दर्शाया है। इस प्रकार की नियमित जानकारियॉ यदि मिलती रहे तो होमियोपैथी की लोकप्रियता बढ़ेगी। एक सार्थक एवं प्रशंसनीय प्रयास।

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